जहाज अपहरण जैसे संगीन मामले में उलझे सोमाली नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा था। इन 35 आरोपियों में से 8 कानूनी पचड़े में फंसने से बचने के लिए खुद को नाबालिग बता रहे थे। लेकिन पुलिस की मुस्तैदी और मेडिकल जांच ने उनकी चाल को नाकाम कर दिया।
येलो गेट पुलिस की जांच के दौरान इन आठ सोमाली नागरिकों को अदालत के सामने पेश किया गया, जहां इन्हें 2 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पोर्ट ज़ोन के पुलिस उपायुक्त संजय लाटकर ने बताया कि पहले ये आरोपी नाबालिग होने का दावा कर रहे थे, पर ओसिफिकेशन टेस्ट ने असलियत सामने ला दी। टेस्ट में सामने आया है कि आठ में से दो आरोपी 21 साल के हैं, जबकि बाकी की उम्र 19 से 20 साल के बीच है।
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, नाबालिग होने का झूठा दावा करने से इन आरोपियों को कानूनी कार्यवाही में थोड़ी ढील मिल सकती थी। पर अब, ओसिफिकेशन टेस्ट ने पुलिस के हाथ मजबूत कर दिए हैं।
यह पूरा मामला भारतीय नौसेना के समुद्री डकैती रोधी अभियान से जुड़ा है, जिसमें 16 मार्च को सोमालिया के पास 35 आरोपियों को पकड़ा गया था। इन पर एक व्यापारी जहाज का अपहरण करने, फिरौती मांगने, और चालक दल के सदस्यों को जान से मारने की धमकी देने के आरोप हैं। पुलिस अधिकारी इन आरोपियों की पिछली आपराधिक गतिविधियों का भी पता लगाने में जुटे हैं।