भारत के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना बुधवार को दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर पहुंचे, जहां उनसे ऑनलाइन सट्टेबाजी एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लंबी पूछताछ की गई। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत उनका बयान दर्ज किया। ये मामला एक ऐसे ऑनलाइन बेटिंग ऐप से जुड़ा है, जिस पर भारत में प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद ये प्लेटफॉर्म अवैध सट्टेबाजी के जरिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
क्या है मामला?
मामला दरअसल 1xBet नाम के एक ऑनलाइन बेटिंग ऐप से जुड़ा है। ये प्लेटफॉर्म भारतीय कानून के मुताबिक पूरी तरह प्रतिबंधित है, फिर भी इसके जरिए क्रिकेट मैचों, ई-स्पोर्ट्स और अन्य खेल आयोजनों पर दुनिया भर में ऑनलाइन सट्टा लगाया जाता है। 1xBet के अलावा Fairplay, Parimatch और Lotus365 जैसे कई और बेटिंग प्लेटफॉर्म भी बैन सूची में शामिल हैं, लेकिन ये गुपचुप तरीके से सक्रिय हैं।
रैना पर क्या आरोप है?
रिपोर्ट्स के अनुसार, रैना पर आरोप है कि उन्होंने 1xBet को प्रमोट किया। पिछले साल दिसंबर में 1xBet ने उन्हें अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया था। उस समय कंपनी ने दावा किया था कि ये साझेदारी खेल प्रेमियों को जिम्मेदारी के साथ बेटिंग के लिए प्रोत्साहित करेगी। लेकिन अब ये मामला ईडी की रडार पर आ गया है, और जांच एजेंसी ये पता लगाने में जुटी है कि रैना की इस प्रमोशन में भूमिका कितनी गहरी थी और क्या इसके पीछे वित्तीय लेनदेन भी हुए।
ईडी ने पूछताछ के दौरान रैना से कई अहम सवाल किए, जिनमें ये जानने की कोशिश की गई कि 1xBet के प्रमोशन में उनकी भागीदारी कितनी थी और क्या उन्हें पता था कि ये प्लेटफॉर्म भारतीय कानून के तहत अवैध है। साथ ही उनसे ये भी पूछा गया कि क्या उन्होंने या उनके प्रतिनिधियों ने किसी भी तरह के अनुबंध, समझौते या वित्तीय लेनदेन का विवरण साझा किया है, और क्या उन्हें एंडोर्समेंट के बदले कोई भुगतान मिला था। जांच एजेंसी ने ये भी स्पष्ट करना चाहा कि क्या रैना को ऐसे विज्ञापनों में सरोगेट नामों और QR कोड के इस्तेमाल की जानकारी थी, जो सीधे अवैध बेटिंग साइटों तक ले जाते हैं।
पूछताछ में ये सवाल भी उठाया गया कि क्या उन्होंने इन प्लेटफॉर्म्स की वैधता को परखने का प्रयास किया था, और क्या उन्हें पता था कि इनका संचालन रिग्ड एल्गोरिद्म के जरिए होता है, जो स्किल-बेस्ड गेम्स के बजाय सीधे जुए की श्रेणी में आते हैं। ईडी ये भी जांच रही है कि एंडोर्समेंट के दौरान उनका 1xBet या इसके ऑपरेटरों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोई संपर्क रहा था या नहीं, और क्या ये प्रमोशन ऐसे क्षेत्रों में भी किया गया जहां ऑनलाइन बेटिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है।
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इस हाई-प्रोफाइल केस में ईडी की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या पूर्व भारतीय क्रिकेटर पर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई होती है या वे इस मामले में खुद को निर्दोष साबित कर पाते हैं।