महाराष्ट्र सरकार ने एक नया ड्राफ्ट निकाला है जिसमें साफ-साफ लिखा है – मुंबई में टैक्सी या रिक्शा चलाना है, तो मराठी आना अनिवार्य है! पहले भी सरकार ऐसा फरमान लाना चाहती थी, पर हाई कोर्ट ने मना कर दिया था। अब देखते हैं क्या होता है।
सरकार इस नए ड्राफ्ट के जरिए मराठी को बढ़ावा देना चाहती है। सिर्फ टैक्सी-रिक्शा ही नहीं, सरकारी दफ्तरों में भी सबको मराठी में ही बात करने को कहा गया है। कोर्ट-कचहरी में भी मराठी को ज्यादा अहमियत मिले, ये भी सरकार की मांग है। प्री-स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक, हर जगह मराठी पढ़ाने पर जोर दिया गया है।
सरकार का कहना है कि वो मराठी की अलग-अलग बोलियों को भी बचाएगी और इसके लिए ChatGPT जैसी नई तकनीक का इस्तेमाल भी करेगी! मतलब, मराठी के लिए सरकार अपना पूरा जोर लगा रही है।
पहले जब ये मराठी वाला नियम लाया गया था, तो टैक्सी-रिक्शा यूनियनों ने खूब हंगामा किया था। हाई कोर्ट ने भी सरकार को फटकार लगाई थी। अब ये नया ड्राफ्ट पास होगा या नहीं, ये देखने वाली बात है।
इसके अलावा, सरकार ये भी मांग कर रही है कि बॉम्बे हाई कोर्ट का नाम मुंबई हाई कोर्ट कर दिया जाए। केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि ऐसा नहीं होने वाला, पर महाराष्ट्र सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। देखते हैं सरकार अब आगे-आगे होता है क्या?