Teacher Arrested for Student Sexual Assault: मुंबई के एक प्रतिष्ठित स्कूल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 40 वर्षीय अंग्रेजी शिक्षिका को 16 वर्षीय नाबालिग छात्र के साथ यौन शोषण (Sexual Assault) के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह घटना न केवल स्कूल समुदाय के लिए झटका है, बल्कि यह शिक्षक-छात्र संबंधों की नैतिकता और सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल उठाती है। दादर पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षिका को हिरासत में लिया और उसकी कार को भी जब्त कर लिया, जिसमें पहली बार शोषण की घटना हुई थी।
पुलिस जांच में पता चला कि यह शिक्षिका, जो विवाहित है और दो बच्चों की मां है, ने पिछले एक साल से अधिक समय तक छात्र के साथ अनुचित संबंध बनाए रखे। उसने छात्र को उपहार और महंगे रेस्तरां में भोजन के जरिए लुभाने (Grooming via Gifts) की कोशिश की। शुरुआत में, उसने दादर में अपनी कार में छात्र के साथ यौन संबंध बनाए। बाद में, उसने छात्र को जुहू के जे डब्ल्यू मैरियट, प्रेसिडेंट होटल और विले पार्ले के द ललित होटल जैसे पांच सितारा होटलों में ले जाकर शोषण जारी रखा। पुलिस का कहना है कि शिक्षिका ने छात्र को शराब पिलाकर और तनाव कम करने की दवा देकर उसका मानसिक और शारीरिक शोषण किया।
इस मामले की शुरुआत तब हुई, जब शिक्षिका और छात्र स्कूल की एक नाटक टीम के माध्यम से करीब आए। छात्र, जो उस समय कक्षा 11 में था, ने शुरू में शिक्षिका के प्रस्तावों का विरोध किया, लेकिन शिक्षिका ने अपनी एक महिला मित्र की मदद से उसे मनाने की कोशिश की। यह महिला मित्र, जो एक डॉक्टर है और पिछले दिवाली से ब्रिटेन में रह रही है, ने भी छात्र को शिक्षिका से मिलने के लिए प्रेरित किया। पुलिस ने इस सह-आरोपी महिला को भी गिरफ्तार किया है, और उसके खिलाफ जांच जारी है।
छात्र ने इस शोषण के कारण गंभीर मानसिक तनाव का सामना किया और वह अवसाद में चला गया। उसने कई महीनों तक चुप्पी साधे रखी, यह उम्मीद करते हुए कि कक्षा 12 की board examinations के बाद यह शोषण बंद हो जाएगा। फरवरी में, जब उसने शिक्षिका से दूरी बनानी शुरू की और उसे अपने फोन पर ब्लॉक कर दिया, तब शिक्षिका ने अपनी नौकरानी के जरिए छात्र से फिर से संपर्क करने की कोशिश की। इस घटना ने छात्र के परिवार को सतर्क कर दिया, और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज की।
पुलिस ने शिक्षिका के खिलाफ प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज (POCSO) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा, भारतीय न्याय संहिता की धारा 123 (जहर या अन्य पदार्थों से नुकसान पहुंचाना), 351 (आपराधिक धमकी), और 77 (दृश्यरति) के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। शिक्षिका को सत्र न्यायालय में पेश किया गया, जहां उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस अब स्कूल में अन्य छात्रों से भी पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस शिक्षिका ने अन्य छात्रों को भी निशाना बनाया था।
जांच में यह भी सामने आया कि शिक्षिका ने 2024 में स्कूल से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उसने छात्र के साथ संपर्क बनाए रखने की कोशिश की। उसने पुलिस के सामने कबूल किया कि वह छात्र से “प्यार” करती थी और उससे दोबारा संपर्क स्थापित करना चाहती थी। इस मामले ने स्कूल प्रबंधन को भी हिलाकर रख दिया है, जिसने शिक्षिका को निलंबित कर दिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।
यह घटना मुंबई के शैक्षिक संस्थानों में सुरक्षा और शिक्षक-छात्र संबंधों की नैतिक सीमाओं पर सवाल उठाती है। पुलिस ने छात्र की पहचान को गोपनीय रखा है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों में यौन शोषण के मामलों में अनिवार्य है। यह मामला समाज में इस तरह की घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।