Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के श्रीशैलम सुरंग नहर (SLBC) में हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सुरंग के एक हिस्से के ढहने से आठ मजदूर अंदर फंस गए हैं, और उनके बचाव की उम्मीदें धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं। सुरंग में 11 किलोमीटर तक पानी भर जाने और मलबे के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
सुरंग हादसा: क्या हुआ था?
Tunnel Accident: What Happened?
यह हादसा तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना (SLBC) के दौरान हुआ। सुरंग के अंदर करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर काम कर रहे आठ मजदूरों के ऊपर अचानक सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इसके बाद सुरंग में पानी भरने लगा, जिससे मजदूरों के बचाव की संभावना कम हो गई।
रेस्क्यू टीमों ने बताया कि सुरंग में 11 किलोमीटर तक पानी भर गया है, जो बचाव कार्य में सबसे बड़ी रुकावट बन गया है। इसके अलावा, मलबे और गाद के कारण भारी मशीनों को अंदर ले जाना मुश्किल हो रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन: क्या चुनौतियां हैं?
Rescue Operation: What Are the Challenges?
बचाव दलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती सुरंग में भरा पानी और मलबा है। NDRF, SDRF, भारतीय सेना और सिंगरेनी कोलियरीज की टीमें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन अब तक मजदूरों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि सुरंग के अंदर टनेल बोरिंग मशीन (TBM) क्षतिग्रस्त हो चुकी है, और उसके टुकड़े बिखरे पड़े हैं। इसके अलावा, सुरंग में ऑक्सीजन और बिजली की सप्लाई बहाल कर दी गई है, लेकिन पानी निकालने की प्रक्रिया धीमी है।
मजदूरों के बचाव की संभावना क्यों कम है?
Why Are the Chances of Rescue Less?
सुरंग में 11 किलोमीटर तक पानी भर जाने के कारण मजदूरों के बचाव की संभावना बेहद कम हो गई है। रेस्क्यू टीमों ने 13.5 किलोमीटर तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन वहां दो किलोमीटर तक पानी भरा हुआ है। इसके अलावा, मलबे और गाद के कारण भारी मशीनें अंतिम बिंदु तक नहीं पहुंच पा रही हैं।
सिंगरेनी कोलियरीज के जनरल मैनेजर श्रीनिवास रेड्डी ने कहा, “हम पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मजदूरों के बाहर आने की संभावना बहुत कम है।”
अब क्या होगा?
Telangana Tunnel Collapse: What Happens Next?
रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है, और टीमें लगातार पानी निकालने और मलबा हटाने का काम कर रही हैं। हालांकि, मजदूरों के परिवार और पूरे देश की निगाहें इस बचाव अभियान पर टिकी हुई हैं।
इस हादसे ने एक बार फिर सुरंग निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। आशा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर उपाय किए जाएंगे।