पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से सटे बांग्लादेश की सुखदेवपुर सीमा पर शनिवार को तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश के बाद स्थिति बिगड़ गई। शुकदेवपुर के निवासियों ने घुसपैठ कर रहे बांग्लादेशी नागरिकों का पीछा किया, जिसके बाद सीमा के दूसरी तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ ने आंसू गैस के गोले छोड़े। पीछा करने के बाद बांग्लादेशी नागरिक वापस लौट गए।
सीमा पर बढ़ती घुसपैठ की घटनाएं
पिछले कुछ दिनों से भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बांग्लादेशी नागरिक इस ओर आकर फसल काटकर ले जाते हैं। शुकदेवपुर सीमा पर लगभग डेढ़ किलोमीटर तक कोई फेंसिंग नहीं है। जब भी बीएसएफ ने कंटीले तार लगाने की कोशिश की, बांग्लादेशी सीमा गार्ड्स (बीजीबी) ने इसका विरोध किया। इसके अलावा, जमीन में सुरंगें भी खोदी जाती देखी गई हैं।
भारतीय और बांग्लादेशी किसानों के बीच झड़प
शुक्रवार रात से ही सीमा पर तनाव जारी है। शनिवार सुबह करीब 11:45 बजे, भारतीय और बांग्लादेशी किसानों के बीच बहस के बाद स्थिति और बिगड़ गई। भारतीय किसानों ने बांग्लादेशी किसानों पर फसल चोरी का आरोप लगाया, जिससे दोनों पक्षों के बीच गाली-गलौज और पत्थरबाजी शुरू हो गई।
बीएसएफ और बीजीबी ने स्थिति संभाली
घटना की सूचना मिलते ही बीएसएफ और बीजीबी के जवान मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों के किसानों को तितर-बितर कर दिया। बीएसएफ ने भारतीय किसानों को सीमा विवादों से दूर रहने की सलाह दी और कहा कि भविष्य में किसी समस्या के लिए सीधे बीएसएफ को सूचित करें। बीजीबी ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए अपने क्षेत्र में स्थिति को नियंत्रण में किया।
सीमा पर अब स्थिति सामान्य
बीएसएफ और बीजीबी के कमांडेंट स्थिति को बेहतर बनाने और समन्वय स्थापित करने के लिए आपसी बैठक कर रहे हैं। भारतीय किसानों को पूरी तरह वापस बुला लिया गया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा से 50-75 मीटर बांग्लादेश के अंदर कुछ नागरिकों की उपस्थिति दोपहर तक देखी गई, जिन्हें बीजीबी हटाने का प्रयास कर रही थी।
फिलहाल सीमा पर स्थिति सामान्य और नियंत्रण में है। इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन यह सीमा सुरक्षा के महत्व को फिर से रेखांकित करता है।