महाराष्ट्रमुंबई

Corporators Join Sena: ठाणे नगर निगम चुनाव से पहले शिवसेना मजबूत, 6 NCP (SP) नेता आए साथ

Corporators Join Sena: ठाणे नगर निगम चुनाव से पहले शिवसेना मजबूत, 6 NCP (SP) नेता आए साथ

Corporators Join Sena: महाराष्ट्र का ठाणे शहर, जो अपनी सांस्कृतिक और राजनीतिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, 8 मई 2025 को एक बड़े राजनीतिक बदलाव का साक्षी बना। कल्याण-डोंबिवली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कालवा, खारेगांव, और विटावा इलाकों के छह पूर्व पार्षदों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) यानी NCP (SP) को छोड़कर शिवसेना में शामिल होने का फैसला किया। यह घटना ठाणे राजनीतिक बदलाव (Thane Political Shift) के रूप में चर्चा में है और आगामी नगर निगम चुनावों से पहले शिवसेना की स्थिति को और मजबूत करती है। इस लेख में हम इस घटना की पूरी कहानी को सरल और रोचक तरीके से समझेंगे, जो नई पीढ़ी के लिए जानकारीपूर्ण और आकर्षक है।

यह महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम उस समय उठाया गया, जब ठाणे में शिवसेना के प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में इन पूर्व पार्षदों ने औपचारिक रूप से शिवसेना की सदस्यता ग्रहण की। शामिल होने वाले नेताओं में ठाणे नगर निगम के पूर्व विपक्षी नेता मिलिंद पाटिल, मनाली पाटिल, महेश साळवी, मनीषा साळवी, ठाणे महिला NCP (SP) की कार्यकारी अध्यक्ष सुरेखा पाटिल, और सचिन म्हात्रे शामिल हैं। इन नेताओं ने शिवसेना का भगवा झंडा और धनुष-बाण का प्रतीक स्वीकार कर अपनी नई राजनीतिक यात्रा शुरू की। यह आयोजन ठाणे नगर निगम (TMC) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में शिवसेना की बढ़ती ताकत का प्रतीक था।

ठाणे लंबे समय से शिवसेना का गढ़ रहा है, खासकर स्वर्गीय आनंद दीघे के नेतृत्व में, जिन्होंने इस क्षेत्र में पार्टी की नींव को मजबूत किया था। इस बार, शिवसेना में शामिल (Joining Shiv Sena) होने वाले ये छह पूर्व पार्षद NCP (SP) के लिए एक बड़ा झटका साबित हुए, विशेष रूप से कालवा-मुंब्रा के विधायक जितेंद्र आव्हाड के लिए, जो इस क्षेत्र में पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। इन नेताओं का शिवसेना में जाना न केवल NCP (SP) की स्थानीय इकाई को कमजोर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ठाणे में शिवसेना का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। नई पीढ़ी, जो राजनीति में बदलाव और गतिशीलता को करीब से देखती है, इस घटना से यह समझ सकती है कि स्थानीय नेतृत्व और विकास के वादे मतदाताओं को कितना प्रभावित करते हैं।

इस आयोजन में शिवसेना के सांसद नरेश म्हस्के और पार्टी सचिव राम रेपाले भी मौजूद थे, जिसने इस कार्यक्रम को और महत्वपूर्ण बना दिया। शिवसेना ने इस मौके पर कहा कि उनकी पार्टी केवल चुनावों के लिए काम नहीं करती, बल्कि साल के 365 दिन, हर समय जनता के लिए समर्पित रहती है। पार्टी ने यह भी बताया कि ठाणे जिले के विभिन्न तालुकाओं से सैकड़ों कार्यकर्ता हर दिन शिवसेना में शामिल हो रहे हैं। वर्तमान में, ठाणे नगर निगम के 131 पूर्व पार्षदों में से 78 शिवसेना के साथ हैं, जो इस क्षेत्र में पार्टी की मजबूत पकड़ को दर्शाता है। यह आंकड़ा नई पीढ़ी के लिए एक संदेश है कि संगठन और नेतृत्व की ताकत राजनीति में कितनी अहम होती है।

यह घटना उस समय हुई, जब सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों को जल्द आयोजित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह के भीतर चुनाव अधिसूचना जारी करने और चार महीने के भीतर चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा। इस फैसले ने ठाणे जैसे क्षेत्रों में राजनीतिक गतिविधियों को और तेज कर दिया, जहां नगर निगम चुनाव एक बड़े राजनीतिक युद्ध का मैदान बनने वाले हैं। ठाणे राजनीतिक बदलाव (Thane Political Shift) की यह कहानी न केवल स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि महाराष्ट्र की राजनीति में गठबंधनों और नेताओं के बदलाव का कितना प्रभाव पड़ता है।

इन पूर्व पार्षदों का शिवसेना में शामिल होना एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विश्वास का प्रतीक है। शिंदे, जो ठाणे में अपनी जड़ों के लिए जाने जाते हैं, ने 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद अपनी पार्टी को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी रणनीति और स्थानीय नेताओं को एकजुट करने की क्षमता ने ठाणे में शिवसेना को और ताकतवर बना दिया। इस घटना ने NCP (SP) के लिए चुनौतियां बढ़ा दीं, क्योंकि कालवा, खारेगांव, और विटावा जैसे क्षेत्रों में उनकी पकड़ कमजोर हो सकती है। नई पीढ़ी, जो सोशल मीडिया और समाचारों के जरिए राजनीति को समझती है, इस बदलाव से यह सीख सकती है कि स्थानीय मुद्दे और विकास की राजनीति मतदाताओं के लिए कितने मायने रखते हैं।

ठाणे के लोग, जो इस शहर को अपनी मेहनत और संस्कृति से संवारते हैं, इस तरह के राजनीतिक बदलावों को करीब से देखते हैं। यह घटना उनके लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि नगर निगम चुनाव शहर के विकास, बुनियादी ढांचे, और जनसुविधाओं को प्रभावित करेंगे। शिवसेना में शामिल होने वाले इन नेताओं ने अपने वार्डों में बेहतर विकास की उम्मीद जताई है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने नए मंच से जनता की अपेक्षाओं को कैसे पूरा करते हैं। यह कहानी न केवल एक राजनीतिक उलटफेर की दास्तान है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि ठाणे जैसे शहरों में स्थानीय नेतृत्व और पार्टी की ताकत कितनी महत्वपूर्ण होती है।


#ThanePolitics #ShivSena #NCPSP #MaharashtraElections #EknathShinde

ये भी पढ़ें: Bus-Dumper Crash: रायगढ़ में एसटी बस और डंपर की भयावह टक्कर; 4 की जान गई, 15 अस्पताल में

You may also like