Tharoor-Soros Controversy: कांग्रेस नेता शशि थरूर का 2009 का एक पुराना ट्वीट अचानक वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस के साथ मुलाकात का जिक्र किया था। इस ट्वीट में थरूर ने लिखा था कि सोरोस उनके “पुराने दोस्त” हैं और उन्होंने भारत व पड़ोसी देशों पर चर्चा की।
इस ट्वीट को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस मामले में थरूर पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले को छिपाने की कोशिश कर रही है।
थरूर ने क्या दी सफाई?
थरूर ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी मुलाकात अमेरिका में हरदीप पुरी के घर हुई थी, जो उस समय संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि थे। थरूर ने यह भी कहा कि इस मुलाकात का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं था और वह अब सोरोस के संपर्क में नहीं हैं।
हरदीप पुरी ने क्या कहा?
हरदीप पुरी ने थरूर की सफाई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि थरूर ने आधा सच बताया है। पुरी ने खुलासा किया कि सोरोस को डिनर में बुलाने का सुझाव खुद थरूर ने दिया था। पुरी ने कहा, “झूठ बोलने के लिए भाषा को कला के रूप में इस्तेमाल करना पड़ता है, और कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता इसमें माहिर हैं।”
विवाद के पीछे की राजनीति
सोरोस विवाद भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक लड़ाई का नया केंद्र बन गया है। भाजपा ने इस मुद्दे को संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस को घेरने के लिए इस्तेमाल किया। सोरोस, जो एक अंतरराष्ट्रीय निवेशक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, ने पहले भी भारत में कई मुद्दों पर बयान दिए हैं, जिससे राजनीतिक बहस तेज हुई है।
2009 का ट्वीट क्यों बना मुद्दा?
शशि थरूर का 2009 का ट्वीट एक साधारण सामाजिक मुलाकात का जिक्र करता था, लेकिन मौजूदा राजनीतिक माहौल में इसे बड़ा मुद्दा बना दिया गया। भाजपा इसे कांग्रेस की अंतरराष्ट्रीय संबंधों में संदेहास्पद गतिविधियों के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
“थरूर और सोरोस विवाद” (Tharoor and Soros Controversy) ने कांग्रेस और भाजपा के बीच नई बहस को जन्म दिया है। जहां थरूर ने इसे एक साधारण मुलाकात बताया, वहीं भाजपा ने इसे कांग्रेस के खिलाफ नया हथियार बना लिया है।