NEET-UG 2024 के परिणामों ने एक बार फिर देश के शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है। इस साल के नतीजों ने न केवल छात्रों के असाधारण प्रदर्शन को दर्शाया है, बल्कि कोचिंग संस्थानों के बढ़ते प्रभाव पर भी प्रकाश डाला है। यह परिणाम कई सवाल खड़े करता है – क्या यह सिर्फ मेरिट टेस्ट है या कोचिंग संस्थानों की तैयारी का नतीजा?
राजस्थान के सीकर शहर ने इस वर्ष सबको चौंका दिया है। यहां के छात्रों ने शीर्ष 1000 रैंक में सबसे अधिक स्थान हासिल किए हैं। यह उपलब्धि न केवल छात्रों की मेहनत को दर्शाती है, बल्कि यहां के कोचिंग संस्थानों की गुणवत्ता पर भी प्रकाश डालती है। सीकर के बाद, राजस्थान का ही एक और शहर कोटा दूसरे स्थान पर है, जबकि केरल का कोट्टायम तीसरे स्थान पर है।
सीकर के टैगोर पीजी कॉलेज और कोटा के मॉडर्न स्कूल के छात्रों का प्रदर्शन विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा है। इन संस्थानों के कई छात्रों ने 720 में से 650 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, जो एक असाधारण उपलब्धि है। सीकर में तो 2000 से अधिक छात्रों ने 650 से ज्यादा अंक हासिल किए हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि यहां की शिक्षण पद्धति और कोचिंग की गुणवत्ता किस स्तर की है।
टैगोर पीजी कॉलेज, सीकर का प्रदर्शन और भी हैरान करने वाला है। यहां के 20% से अधिक छात्रों ने 600 से ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं। इसी तरह, हरियाणा के रोहतक के मॉडल स्कूल ने भी शानदार प्रदर्शन किया है। यहां के 734 छात्रों में से एक ने 700 अंक प्राप्त किए, जबकि 14 अन्य छात्रों ने 650 से अधिक अंक हासिल किए।
केरल के कोट्टायम ने भी अपनी छाप छोड़ी है। यहां के विद्यानंद विद्याभवन, जूनियर बेसिलियोस इंग्लिश मीडियम स्कूल और चिन्मय विद्यालय के छात्रों ने उच्च अंक प्राप्त किए हैं। यह परिणाम दक्षिण भारत में भी कोचिंग संस्थानों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
लेकिन इस साल का सबसे बड़ा आश्चर्य गुजरात के राजकोट से आया है। यहां के यूनिट-1 स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग ने सबको चौंका दिया है। इस संस्थान के 1,968 छात्रों में से 250 से अधिक ने 600 से ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं। इनमें से 12 छात्रों ने तो 700 से अधिक अंक हासिल किए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि एक छात्र ने पूर्ण 720 अंक प्राप्त किए हैं, जो एक असाधारण उपलब्धि है।
इन परिणामों से कई सवाल उठते हैं। क्या कोचिंग संस्थान NEET-UG जैसी परीक्षाओं में सफलता का एकमात्र मार्ग बन गए हैं? क्या यह परीक्षा सिर्फ मेधा का परीक्षण है या इसमें कोचिंग की तैयारी का भी बड़ा योगदान है? क्या यह प्रवृत्ति शिक्षा के क्षेत्र में समानता और न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ नहीं है?
इन परिणामों से यह भी स्पष्ट होता है कि देश के कुछ विशेष क्षेत्रों में कोचिंग संस्थानों का केंद्रीकरण हो रहा है। सीकर, कोटा, कोट्टायम जैसे शहर NEET-UG की तैयारी के लिए हब बन गए हैं। क्या यह प्रवृत्ति देश के अन्य हिस्सों के छात्रों के लिए अवसरों की असमानता पैदा नहीं कर रही?
हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि इन कोचिंग संस्थानों ने छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने छात्रों को न केवल पाठ्यक्रम की गहन समझ दी है, बल्कि परीक्षा की रणनीति और समय प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण कौशल भी सिखाए हैं।
अंत में, NEET-UG 2024 के परिणाम हमें शिक्षा प्रणाली पर गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर करते हैं। क्या हमारी वर्तमान शिक्षा प्रणाली सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान कर रही है? क्या कोचिंग संस्थानों पर इतनी निर्भरता स्वस्थ है? और सबसे महत्वपूर्ण, क्या यह परीक्षा वास्तव में छात्रों की समग्र क्षमता का मूल्यांकन कर रही है?
ये सवाल न केवल शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए चिंतन का विषय हैं। NEET-UG 2024 के परिणामों ने हमें एक बार फिर याद दिलाया है कि शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव और सुधार की आवश्यकता है, ताकि हर छात्र को अपनी क्षमता को पूरी तरह से विकसित करने का अवसर मिल सके।