महाराष्ट्र

जिस ‘वाघ नख’ से शिवाजी महाराज ने अफजल खान का पेट चीरा, उसका आज से कर सकेंगे दीदार

वाघ नख

महाराष्ट्र के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। वह ऐतिहासिक ‘वाघ नख’, जिसने एक समय में पूरे महाराष्ट्र की किस्मत बदल दी थी, आज फिर से अपनी धरती पर लौट आया है। यह वही वाघ नख है जिसका इस्तेमाल छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान के विरुद्ध किया था। आइए इस ऐतिहासिक घटना के बारे में विस्तार से जानें:

वाघ नख एक विशेष प्रकार का हथियार है जो बाघ के नाखून के आकार का होता है। यह हथियार हाथ में पहना जाता है और इसका इस्तेमाल करीबी लड़ाई में किया जाता है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने इसी वाघ नख का इस्तेमाल करके बीजापुर सल्तनत के जनरल अफजल खान का पेट चीरा था। यह घटना महाराष्ट्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई और शिवाजी महाराज की वीरता का प्रतीक बन गई।

लंबे समय तक यह वाघ नख लंदन के एक संग्रहालय में रखा हुआ था। महाराष्ट्र सरकार ने इसे वापस लाने के लिए काफी प्रयास किए। आखिरकार, एकनाथ शिंदे सरकार के प्रयासों से यह ऐतिहासिक हथियार वापस अपनी धरती पर लौट आया है। यह महाराष्ट्र के लिए गौरव का क्षण है।

महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई ने बताया कि वाघ नख का सतारा में भव्य स्वागत किया जाएगा। यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा जब यह हथियार अपनी मातृभूमि पर वापस लौटेगा। स्वागत समारोह में राज्य के कई वरिष्ठ नेता और शिवाजी महाराज के वंशज भी शामिल होंगे।

वाघ नख की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं। मंत्री देसाई ने बताया कि इसे ‘बुलेट प्रूफ’ कवर में रखा जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि यह अमूल्य धरोहर सुरक्षित रहे और कोई नुकसान न पहुंचे।

वाघ नख को सतारा के छत्रपति शिवाजी संग्रहालय में रखा जाएगा। यहां इसे अगले सात महीने तक प्रदर्शित किया जाएगा। यह एक सुनहरा अवसर है जब महाराष्ट्र की जनता और देश भर के लोग इस ऐतिहासिक धरोहर का दीदार कर सकेंगे।

वाघ नख को संग्रहालय में रखने के दौरान कई महत्वपूर्ण व्यक्ति मौजूद रहेंगे। इनमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शरद पवार और शिवाजी महाराज के वंशज उदयन राजे शामिल हैं। यह इस घटना के महत्व को और बढ़ा देता है।

यह पहली बार होगा जब आम जनता इस ऐतिहासिक हथियार को इतने करीब से देख पाएगी। यह न केवल एक दर्शनीय वस्तु है, बल्कि महाराष्ट्र के गौरवशाली इतिहास का एक जीवंत प्रमाण भी है। लोगों को अपने वीर पूर्वजों की वीरता से प्रेरणा लेने का मौका मिलेगा।

वाघ नख का प्रदर्शन शैक्षणिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली बच्चों और युवाओं को अपने इतिहास के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। यह उनमें देशप्रेम और गौरव की भावना जगाएगा।

वाघ नख के प्रदर्शन से सतारा में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। देश भर से लोग इस ऐतिहासिक वस्तु को देखने आएंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।

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