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गांव वाले कर रहे थे दवा का इंतजार, तेलंगाना के अफसर ने उफनती नदी और घने जंगल को पार कर 5 घंटे में लांघ दी 16 किमी की दूरी

तेलंगाना
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तेलंगाना के मुलुगु जिले से एक ऐसी कहानी सामने आई है जो हमें मानवता और कर्तव्य के प्रति समर्पण का अद्भुत उदाहरण देती है। ये कहानी है जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (DMHO) अल्लेम अप्पैया की, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दूरदराज के आदिवासी गांवों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का बीड़ा उठाया।

अप्पैया की ये यात्रा साधारण नहीं थी। उन्होंने 16 किलोमीटर की दूरी तय की, जो कि एक साधारण यात्रा नहीं थी। रास्ते में उन्हें घने जंगलों से गुजरना पड़ा, जहां हर कदम पर खतरा था। उन्होंने उफनती नदियों को पार किया, जहां एक गलत कदम जान ले सकता था। पहाड़ियों पर चढ़ना और उतरना, जहां हर पल संतुलन बनाए रखना एक चुनौती थी। ये सब उन्होंने सिर्फ इसलिए किया ताकि वाजेदु मंडल के एक दूरदराज के गांव में रहने वाले 11 परिवारों तक जरूरी दवाइयां और मच्छरदानी पहुंचा सकें।

दरअसल इस गांव की स्थिति बेहद दयनीय है। मानसून के दौरान ये गांव पूरी तरह से अलग-थलग पड़ जाता है। बारिश के कारण नदियां उफान पर आ जाती हैं और रास्ते बंद हो जाते हैं। ऐसे में यहां तक पहुंचना न केवल मुश्किल बल्कि खतरनाक भी हो जाता है। अप्पैया ने इस स्थिति को करीब से समझने के लिए वहां एक रात भी बिताई। उन्होंने महसूस किया कि अगर किसी को अस्पताल ले जाना हो तो ये लगभग असंभव हो जाता है।

गांव की एक और दुखद कहानी ये है कि एक समय यहां 151 परिवार रहते थे, वहां अब सिर्फ 11 परिवार ही बचे हैं। बाकी के परिवार मुश्किलों से तंग आकर मैदानी इलाकों में चले गए हैं। प्रशासन चाहता है कि बचे हुए परिवार भी अपनी सुरक्षा के लिए मैदानी इलाकों में चले जाएं। लेकिन ये परिवार अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। वे तभी जाने को तैयार हैं जब उन्हें सड़क के पास घर और खेती के लिए जमीन दी जाए।

इस दुर्गम इलाके में संचार की समस्या भी बहुत बड़ी है। यहां मोबाइल नेटवर्क मिलना मुश्किल है। अप्पैया बताते हैं कि जैसे ही वे गांव के पास पहुंचे, उनके फोन का नेटवर्क चला गया। ये दर्शाता है कि यहां रहने वाले लोग किस तरह की कठिनाइयों का सामना करते हैं।

अप्पैया की इस साहसिक यात्रा में उनके साथ उनका स्टाफ और छह अन्य लोग भी शामिल थे। इस दल ने तीन नदियों और तीन पहाड़ियों को पार किया। उनके इस प्रयास की राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने भी सराहना की है।

वे एक ऐसे व्यक्ति के रूप में सामने आए हैं जो अपने काम को सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि मानवता की सेवा के रूप में देखते हैं। उनकी ये यात्रा हमें याद दिलाती है कि हमारे देश में अभी भी ऐसे कई इलाके हैं जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है और वहां तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती है।

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