चारधाम यात्रा पर जाने का मन बना रहे हैं? तो जरा संभलकर! यमुनोत्री समेत चारों धामों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से हालात बेकाबू हो गए हैं। लोग रात सड़क पर बिताने को मजबूर हैं।
चारधाम यात्रा उत्तराखंड के चार पवित्र धामों – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस यात्रा पर जाते हैं। लेकिन इस साल भीड़ इतनी बढ़ गई है कि प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं।
कहां-कहां फंसे हैं यात्री? शनिवार रात से ही यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। सरकार ने यमुनोत्री के लिए रोजाना 9 हजार यात्रियों की सीमा तय की है, लेकिन इस बार इससे दोगुने से भी ज्यादा लोग पहुंच गए। ऐसे में कई यात्री डामटा, दोबाटा, बड़कोट, गंगानी, खरादी जैसी जगहों पर फंस गए हैं। कई लोगों को तो रात अपनी बस में ही गुजारनी पड़ी।
प्रशासन क्या कर रहा है? भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कई जगहों पर वाहनों को रोक दिया है। साथ ही, हेड काउंट कैमरों के जरिए श्रद्धालुओं की संख्या पर नजर रखी जा रही है। लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा है कि हालात काबू में नहीं आ पा रहे हैं।
किस-किस को लौटना पड़ा वापस? भीड़ और जाम के कारण कई यात्रियों को मजबूरन अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी है। कर्नाटक और गुजरात से आए कई श्रद्धालुओं के समूहों को वापस लौटना पड़ा है।
चारधाम यात्रा पर जाने से पहले श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्हें पहले से ही अपनी यात्रा की बुकिंग कर लेनी चाहिए और भीड़भाड़ वाले दिनों से बचना चाहिए। साथ ही, यात्रा के दौरान धैर्य रखना और प्रशासन के निर्देशों का पालन करना भी बहुत जरूरी है।
उत्तराखंड के पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने कहा है कि यह यात्रा सीजन का सबसे व्यस्त समय है और प्रशासन तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।