Tirupati Stampede: आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) में बुधवार को हुई भगदड़ ने हर किसी को झकझोर दिया। वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन बांटने के दौरान अचानक भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई और 16 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
Tirupati Stampede: क्या हुआ था घटना के दौरान?
तिरुपति के विष्णु निवासम में वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन लेने के लिए भक्तों की भीड़ सुबह से ही इकट्ठा होने लगी थी। जैसे ही टोकन वितरण शुरू हुआ, भीड़ इतनी अधिक बढ़ गई कि नियंत्रण करना मुश्किल हो गया। लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे, जिससे भगदड़ का माहौल बन गया।
मुख्यमंत्री और प्रशासन की प्रतिक्रिया
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। वे गुरुवार सुबह तिरुपति पहुंचकर घायलों से मिलेंगे और अधिकारियों के साथ घटना की समीक्षा करेंगे।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के अध्यक्ष बीआर नायडू ने इसे साजिश मानने से इनकार करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक दुर्घटना थी। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए पहले ही चेतावनी दी गई थी।
क्या यह केवल लापरवाही थी?
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस और प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त प्रबंध नहीं किए थे। कई लोगों ने आरोप लगाया कि टिकट वितरण केंद्रों पर व्यवस्था कमजोर थी, जिससे भगदड़ की स्थिति बनी।
पीड़ितों की स्थिति और राहत कार्य
घायलों को रुइया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में तमिलनाडु के सलेम निवासी भी शामिल हैं। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि घायलों में से कुछ की स्थिति गंभीर है।
घटना के बाद उठाए गए कदम
- तिरुपति पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
- मंदिर समिति के चेयरमैन ने इमरजेंसी बैठक बुलाकर स्थिति का जायजा लिया।
- 10 दिनों तक चलने वाले वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए नई रणनीति बनाई जा रही है।
क्या इस हादसे से सबक मिलेगा?
तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के सबसे बड़े और प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। हर साल यहां लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं। ऐसी घटनाएं न केवल श्रद्धालुओं के विश्वास को हिलाती हैं, बल्कि मंदिर प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल खड़े करती हैं। यह जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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