प्रेसिडेंशियल डिबेट: अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपति चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस बार के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी से डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी से कमला हैरिस आमने-सामने हैं। दोनों नेताओं के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई, जो 90 मिनट तक चली। इस डिबेट में कई अहम मुद्दों पर गहन बहस देखने को मिली। आइए विस्तार से जानते हैं इस प्रेसिडेंशियल डिबेट के बड़े मुद्दे और दोनों नेताओं के विचार।
इमिग्रेशन: अमेरिका की बड़ी चुनौती
प्रेसिडेंशियल डिबेट का पहला और सबसे गरमागरम मुद्दा इमिग्रेशन था। डोनाल्ड ट्रम्प ने इस मुद्दे पर अपनी चिर-परिचित कड़ी स्टैंड लेते हुए कहा कि देश में हर रोज हजारों अपराधी घुस रहे हैं। उन्होंने एक चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि ये लोग कुत्तों और पालतू जानवरों को खा जाते हैं। ट्रम्प ने कहा, “वे (प्रवासी) कुत्तों को खाते हैं, वे लोगों के पालतू जानवरों को खा लेते हैं।”
इस बयान पर मॉडरेटर ने तुरंत टोका और कहा कि इस दावे के कोई सबूत नहीं मिले हैं। लेकिन ट्रम्प अपनी बात पर अड़े रहे और कहा कि उन्होंने टीवी पर लोगों को यह कहते सुना है।
कमला हैरिस ने ट्रम्प के इस बयान को ‘एक्सट्रीम’ बताते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा, “इमिग्रेशन से जुड़ी समस्याओं के लिए ट्रम्प खुद जिम्मेदार हैं। उनकी पार्टी ने इससे जुड़े विधेयक को रोकने की कोशिश की। ट्रम्प ने अपने लोगों से फोन कर ऐसा करने को कहा। क्योंकि वे चाहते ही नहीं कि समस्या का समाधान हो।”
कमला ने आगे कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी एक ऐसी इमिग्रेशन नीति लाना चाहती है जो मानवीय हो और साथ ही देश की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करे।
अबॉर्शन: महिलाओं के अधिकार बनाम नैतिक मूल्य
प्रेसिडेंशियल डिबेट का दूसरा बड़ा और विवादास्पद मुद्दा अबॉर्शन था। इस मुद्दे पर दोनों उम्मीदवारों के बीच तीखी बहस हुई। डोनाल्ड ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “डेमोक्रेटिक पार्टी प्रेग्नेंसी के 9वें महीने में भी अबॉर्शन का हक देना चाहती है। वर्जीनिया के पूर्व गवर्नर ने कहा था कि हम बच्चा पैदा होने के बाद देखेंगे कि उसका क्या करना है। जरूरत पड़ी तो उसे मार दिया जाएगा।”
ट्रम्प ने कमला हैरिस पर व्यक्तिगत हमला करते हुए कहा, “कमला वामपंथी हैं। उनके पिता कम्युनिस्ट हैं। उन्होंने कमला को अच्छे से वामपंथ सिखाया है। पुतिन भी उनका समर्थन करते हैं।”
कमला हैरिस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “ट्रम्प सिर्फ झूठ बोल रहे हैं। ट्रम्प की वजह से आज अमेरिका के 20 राज्यों में अबॉर्शन पर बैन है। इसकी वजह से एक रेप पीड़िता को अपने लिए फैसले लेने में दिक्कत आ रही है।”
कमला ने अपना स्टैंड स्पष्ट करते हुए कहा, “सरकार या ट्रम्प महिलाओं को नहीं बता सकते कि उन्हें अपने शरीर के साथ क्या करना चाहिए। मैं अपने कार्यकाल में अबॉर्शन की इजाजत का बिल जरूर साइन करूंगी।”
विदेश नीति और युद्ध: रूस-यूक्रेन संकट
प्रेसिडेंशियल डिबेट में विदेश नीति, खासकर रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी गहन चर्चा हुई। डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि अगर वे राष्ट्रपति होते तो रूस-यूक्रेन युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता। उन्होंने एक बड़ा वादा करते हुए कहा, “मैं राष्ट्रपति चुनाव जीतने के 24 घंटे के अंदर रूस-यूक्रेन जंग खत्म कर दूंगा।”
कमला हैरिस ने इस पर तीखा पलटवार करते हुए कहा, “अगर ट्रम्प राष्ट्रपति होते तो पुतिन इस वक्त कीव में बैठे होते और लंच में ट्रम्प को खा रहे होते।” उन्होंने ट्रम्प पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “ट्रम्प एक तानाशाह हैं। एक तानाशाह दूसरे तानाशाह को पसंद करता है। वे पहले दिन से तानाशाह बनना चाहते हैं। सब जानते हैं कि वे तानाशाह किम जोंग उन को प्रेम पत्र लिखा करते थे।”
कमला ने आगे कहा, “दुनियाभर के तानाशाह चाहते हैं कि ट्रम्प फिर से राष्ट्रपति बनें। वे ट्रम्प को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करेंगे।”
इकोनॉमी: मध्यम वर्ग की चिंता
प्रेसिडेंशियल डिबेट में इकोनॉमी भी एक अहम मुद्दा रहा। कमला हैरिस ने अपनी पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा, “मैं एक मिडल क्लास फैमिली में पली-बढ़ी हूं। इस स्टेज पर मैं ही हूं जो अमेरिका की मिडल क्लास लोगों की तरक्की के बारे में सोचती हूं।”
उन्होंने अपनी आर्थिक नीति का खाका पेश करते हुए कहा, “मेरे पास एक अर्थव्यवस्था का प्लान है जिसमें सब के लिए अवसर होंगे। हमारे देश में घरों की कमी है। मैं मिडल क्लास के टैक्स में कटौती करूंगी। मैं छोटे बिजनेस को बढ़ावा दूंगी।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, “जब मैं राष्ट्रपति था, तब देश में ऐसी अर्थव्यवस्था थी जो बेहतरीन थी। मैंने चीन पर टैरिफ लगाकर 35 मिलियन डॉलर हासिल किए।”
ट्रम्प ने वर्तमान सरकार पर हमला करते हुए कहा, “आज हमारे देश में ऐतिहासिक महंगाई है। महंगाई के साथ दुनिया भर से लाखों लोग हमारे देश में आ रहे हैं। वो जेल और पागल खानों से आ रहे हैं। वो हमारी नौकरियां ले रहे हैं।”
कैपिटल हिल हिंसा: लोकतंत्र पर हमला
प्रेसिडेंशियल डिबेट का आखिरी और सबसे विवादास्पद मुद्दा 6 जनवरी 2021 को हुई कैपिटल हिल हिंसा था। डोनाल्ड ट्रम्प ने इस घटना में अपनी भूमिका से इनकार करते हुए कहा, “मैंने अपने भाषण में समर्थकों से शांतिपूर्वक तरीके से काम करने के लिए कहा था। मेरा उससे कुछ लेना-देना नहीं, सिवाय मेरे भाषण के।”
ट्रम्प ने दावा किया, “मैंने कहा था कि मैं आपको 10 हजार नेशनल गार्ड और सैनिक देना चाहता हूं। नैंसी पेलोसी ने इसे रिजेक्ट कर दिया। 6 जनवरी को जो हुआ वो नहीं होता अगर नैंसी पेलोसी और वॉशिंगटन डीसी के मेयर ने अपना काम किया होता। मैं सिक्योरिटी के लिए जिम्मदार नहीं था, नैंसी पेलोसी जिम्मेदारी थीं। उन्होंने अपना काम नहीं किया।”
कमला ने इस पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वे 6 जनवरी को कैपिटल हिल पर मौजूद थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि उस दिन अमेरिका के राष्ट्रपति (ट्रम्प) ने देश की राजधानी पर हमला करने के लिए भीड़ बुलाई थी।
इस प्रेसिडेंशियल डिबेट ने अमेरिकी राजनीति के कई पहलुओं को सामने लाया। दोनों नेताओं ने अपने-अपने विचार रखे और एक-दूसरे पर तीखे हमले किए। यह डिबेट आने वाले चुनाव की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। अमेरिकी जनता अब इन मुद्दों पर सोच-विचार कर अपना फैसला लेगी कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा।
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