2 अप्रैल, 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया भर के 184 देशों पर व्यापक टैरिफ की घोषणा की। इस फैसले ने वैश्विक व्यापार को हिलाकर रख दिया है। भारत पर 26% टैरिफ लगाया गया है, जबकि चीन और कई अन्य देशों पर इससे भी ज्यादा शुल्क थोपा गया है। लगभग सभी देशों के लिए अब 10% का बेसलाइन टैरिफ लागू होगा। लेकिन इस सूची में रूस जैसे कुछ देशों को बाहर रखा गया है। आखिर इसके पीछे का कारण क्या है? आइए इस ब्लॉग में विस्तार से जानते हैं।
रूस को टैरिफ सूची से बाहर रखने की वजह
व्हाइट हाउस द्वारा जारी ‘टैरिफ लिस्ट’ में रूस की गैरमौजूदगी शुरू से ही चर्चा का विषय बनी हुई है। इस पर व्हाइट हाउस की ओर से सफाई भी दी गई है। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट के मुताबिक, रूस को टैरिफ से इसलिए छूट दी गई है क्योंकि वa पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में है। ये प्रतिबंध क्रेमलिन और वाशिंगटन डीसी के बीच किसी भी सार्थक व्यापार को रोकते हैं।
हालांकि, रूस का इस सूची से बाहर होना बहुत हैरान करने वाला नहीं है। ट्रंप ने दूसरी बार व्हाइट हाउस में कदम रखने के बाद से रूस के प्रति नरम रुख अपनाया है। खासकर यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर उन्होंने कीव की आलोचना की, जबकि मॉस्को का बचाव किया।
क्या रूस पर प्रतिबंध हटेंगे?
रूस ने ट्रंप से अमेरिका की मध्यस्थता वाली यूक्रेन युद्ध विराम वार्ता के तहत कुछ प्रतिबंध हटाने की मांग की है। लेकिन लेविट ने साफ किया कि रूस को अभी भी ‘अतिरिक्त कड़े प्रतिबंधों’ का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में ट्रंप ने रूस को तेल पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी भी दी थी। उनका कहना है कि वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन को लेकर की गई टिप्पणियों से नाराज हैं।
अमेरिका-रूस व्यापार में भारी गिरावट
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद लगाए गए प्रतिबंधों ने अमेरिका-रूस व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया है। 2021 में ये व्यापार करीब 35 बिलियन डॉलर का था, जो पिछले साल घटकर महज 3.5 बिलियन डॉलर रह गया। फिर भी, अमेरिका का रूस के साथ व्यापार मॉरीशस या ब्रुनेई जैसे देशों से ज्यादा है, जो ट्रंप की टैरिफ सूची में शामिल हैं।
इन देशों को भी मिली छूट
रूस के अलावा क्यूबा, बेलारूस और उत्तर कोरिया को भी टैरिफ सूची से बाहर रखा गया है। लेविट के अनुसार, इन देशों पर पहले से ही भारी शुल्क और प्रतिबंध लगे हैं। इसके अलावा, कनाडा और मैक्सिको भी इस सूची से बाहर हैं। लेविट ने बताया कि ट्रंप ने इन दोनों देशों पर पहले ही 25% टैरिफ लगा रखा है।
भारत और चीन पर असर
भारत पर 26% टैरिफ का असर भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वहीं, चीन पर इससे भी ज्यादा शुल्क लगाया गया है, जो दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध को और गहरा कर सकता है।
ट्रंप का ये टैरिफ फैसला वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डाल सकता है। जहां भारत और चीन जैसे देशों पर भारी शुल्क लगाया गया है, वहीं रूस को छूट देना ट्रंप की विदेश नीति की प्राथमिकताओं को दर्शाता है। क्या ये कदम अमेरिका-रूस रिश्तों में नई गर्माहट लाएगा या सिर्फ रणनीतिक चाल है, ये आने वाला वक्त बताएगा।
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