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उरण में अस्थायी पुल गिरने से दो की मौत, मछली पकड़ने गए थे मजदूर

उरण में अस्थायी पुल गिरने से दो की मौत, मछली पकड़ने गए थे मजदूर
महाराष्ट्र के उरण इलाके में एक अस्थायी पुल के ढह जाने से दो लोगों की मौत हो गई और दो घायल हैं। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

भारत में अक्सर पुराने पुलों और ढांचों के सही रख-रखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता। ऐसे में कई जगह हादसे होते रहते हैं और लोगों की जानें चली जाती हैं। सरकारी प्रशासन को इस पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है।

महाराष्ट्र के उरण इलाके के धुतुम क्रीक में बने एक अस्थायी पुल के सोमवार शाम को गिर जाने से बड़ा हादसा हो गया। हादसे में दो मजदूरों की जान चली गई, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस के मुताबिक, मृतकों का नाम अविनाश सुरेश मिरकुटे (22) और राजेश लक्ष्मण वाघमारे (30) है। दोनों ईंट-भट्टे के मज़दूर थे और मछली पकड़ने के लिए इलाके में गए हुए थे। प्रत्याम करीब 5:30बजे पुल ढटकर उनके ऊपर गिर गया, जिससे वे मलबे में दब गए।

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स्थानीय लोगों की सूचना पर राहत कार्य शुरू किया गया और मजदूरों को मलबे से बाहर निकाला गया। उन्हें उरण के इंदिरा गांधी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो लोगों को मृत घोषित कर दिया। घायलों को बेहतर इलाज के लिए कामोठे के MGM अस्पताल भेज दिया गया।

वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सतीश निकम के मुताबिक, यह पुल 30 साल से भी ज़्यादा पुराना था और इसे स्थानीय लोग आवागमन के लिए इस्तेमाल करते थे। पुल गिरने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि पुल का निर्माण किसने किया था।

महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि भारत के कई हिस्सों में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जहां पुरानी और जर्जर इमारतें या पुल ढट जाते हैं। अक्सर रख-रखाव की कमी और जांच की अनदेखी के कारण ऐसे हादसे होते हैं। सरकारी प्रशासन को ऐसे मामलों में ज़्यादा सजगता दिखाने की ज़रूरत है।

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उरण में अस्थायी पुल गिरने के कारण मज़दूरों की जान चली जाना बेहद दुखद है। पुराने पुलों की मज़बूती की समय-समय पर जांच होनी चाहिए ताकि ऐसे हादसों को टाला जा सके।

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