Uddhav-Raj Victory Rally: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर ठाकरे बंधुओं का नाम गूंज रहा है। 5 जुलाई 2025 को मुंबई के वर्ली में एनएससीआई डोम में होने वाली विजय रैली (Victory Rally) ने हर किसी का ध्यान खींच लिया है। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे, जो वर्षों बाद एक मंच पर साथ नजर आएंगे, मराठी अस्मिता की इस लड़ाई को एक नया रंग देने जा रहे हैं। यह समारोह मराठी भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में स्कूलों में पहली कक्षा से हिंदी को अनिवार्य करने का सरकारी प्रस्ताव सामने आया था। इस फैसले ने मराठी भाषी लोगों के बीच एक नाराजगी की लहर पैदा कर दी। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया। दोनों दलों ने इसे मराठी भाषा पर हमला बताते हुए एकजुट होकर आंदोलन की घोषणा की। उनकी इस एकता का असर इतना जबरदस्त रहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आखिरकार यह प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। अब इस जीत को मराठी विजय उत्सव (Marathi Victory Celebration) के रूप में मनाने की तैयारी है।
शिवसेना (यूबीटी) ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्टर साझा किया, जिसमें लिखा है, “ठाकरे आ रहे हैं!” यह संदेश साफ है कि उद्धव और राज ठाकरे मिलकर मराठी लोगों की ताकत का प्रदर्शन करने जा रहे हैं। पोस्टर में दोनों नेताओं ने मराठी जनता से इस समारोह में शामिल होने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि यह जीत सिर्फ एक सरकारी आदेश को रद्द करने की नहीं, बल्कि मराठी एकता और गौरव की जीत है। इस पोस्टर में किसी भी पार्टी का झंडा या चिन्ह नहीं है, जो इस बात का प्रतीक है कि यह आयोजन किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं, बल्कि मराठी अस्मिता के लिए है।
चला,
हा विजयी क्षण साजरा करूया!
आवर्जून उपस्थित रहा! pic.twitter.com/XcfW9vYMSm— ShivSena – शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) July 3, 2025
वर्ली के एनएससीआई डोम में होने वाले इस समारोह की रूपरेखा तय करने के लिए दोनों दलों के नेताओं ने एक संयुक्त बैठक की। इस बैठक में शिवसेना (यूबीटी) की ओर से अनिल परब और सुनील शिंदे जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए, जबकि मनसे की ओर से बाला नांदगांवकर, संदीप देशपांडे और नितीन सरदेसाई मौजूद थे। इस बैठक में यह तय किया गया कि 5 जुलाई को सुबह 10 बजे यह विजय रैली शुरू होगी। यह आयोजन न सिर्फ मराठी भाषा की जीत का जश्न मनाएगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि जब मराठी लोग एकजुट होते हैं, तो कोई भी ताकत उनकी आवाज को दबा नहीं सकती।
इस रैली का महत्व सिर्फ मराठी भाषा तक सीमित नहीं है। यह उन लोगों के लिए भी एक जवाब है, जो इस जीत को सिर्फ बीएमसी चुनाव के लिए उठाया गया कदम बता रहे हैं। एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने इस रैली को बीएमसी चुनाव से जोड़ते हुए कहा कि ठाकरे बंधु सिर्फ चुनावी फायदे के लिए एक साथ आए हैं। लेकिन उद्धव और राज ठाकरे ने साफ कर दिया है कि यह समारोह मराठी गौरव का प्रतीक है, न कि किसी राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा। राज ठाकरे ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह जीत मराठी लोगों की एकता का नतीजा है और इसे ऐतिहासिक बनाना है।
महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे बंधुओं का यह एक साथ आना कई मायनों में खास है। करीब दो दशक बाद उद्धव और राज एक मंच पर होंगे, जो मराठी लोगों के लिए एक भावनात्मक पल भी है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने इस आयोजन को मराठी एकता की ताकत का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह रैली दिल्ली को यह संदेश देगी कि मराठी लोग अपनी भाषा और संस्कृति के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस समारोह में हजारों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, जो मराठी अस्मिता की इस लड़ाई को और मजबूत करेगा।
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