शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला करते हुए उन्हें ‘मराठी मानुस’ को कम न आंकने की चेतावनी दी है। ये बयान अमित शाह के उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ने उद्धव ठाकरे को उनकी “जगह” दिखा दी।
उद्धव ठाकरे की बाघ वाली चेतावनी
गुरुवार को शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर आयोजित एक जनसभा में उद्धव ठाकरे ने अपनी बात जोरदार अंदाज में रखते हुए कहा कि, “अमित शाह ने कहा कि चुनाव ने मुझे मेरी जगह दिखा दी। ठीक है, अमित शाह जी! अब आप देखेंगे कि एक घायल बाघ क्या कर सकता है। ‘मराठी मानुस’ के साथ खिलवाड़ मत करो। हमने औरंगजेब को घुटने टेकने पर मजबूर किया, तो अमित शाह कौन हैं?”
मतपत्र पर चुनाव कराने की चुनौती
उद्धव ठाकरे ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर भी बीजेपी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “अगर बीजेपी को अपने हिंदुत्व पर भरोसा है, तो ईवीएम छोड़कर मतपत्र पर चुनाव कराएं। जो लोग सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाते हैं, वे हिंदू नहीं हो सकते। हमारा हिंदुत्व साफ और पारदर्शी है।”
ठाकरे ने हिंदुत्व की परिभाषा पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर निशाना साधा और उनके रवैये को जनता के सामने उजागर किया।
गौरतलब है कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 235 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिवसेना (यूबीटी) सिर्फ 20 सीटों पर सिमट गई।
नतीजों के बाद, एमवीए नेताओं ने ईवीएम की वैधता पर सवाल उठाए। हालांकि, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मतपत्रों की वापसी की मांग को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि इससे चुनाव प्रक्रिया बाधित होगी।
महायुति गठबंधन की शानदार जीत
महायुति गठबंधन में बीजेपी के अलावा शिवसेना और एनसीपी ने भी क्रमशः 57 और 41 सीटें जीतीं। इसके विपरीत, एमवीए गठबंधन के हिस्से में कांग्रेस को सिर्फ 16 सीटें, शिवसेना (यूबीटी) को 20 सीटें और शरद पवार की एनसीपी को केवल 10 सीटें मिलीं।
क्या बदल सकता है महाराष्ट्र का राजनीतिक परिदृश्य?
उद्धव ठाकरे के तीखे बयान और मतपत्र पर चुनाव की चुनौती ने महाराष्ट्र की राजनीति को नई दिशा दी है। आने वाले समय में ये देखना दिलचस्प होगा कि शिवसेना (यूबीटी) और एमवीए गठबंधन अपनी साख बचाने के लिए क्या रणनीति अपनाते हैं।