जैन समुदाय की जीत: जैन समुदाय के लिए अच्छी खबर! मुंबई हाई कोर्ट ने 17 पुरानी जैन मूर्तियों की नीलामी पर रोक लगा दी है। ये मूर्तियां करोड़ों की थीं और फरोख टोडीवाला नाम के बंदे की कंपनी इनकी ऑनलाइन नीलामी करने वाली थी।
बता दें कि ये मामला एक बिज़नेसमैन अशोक सालेचा और ‘श्री मुंबई जैन संघ संगठन’ (एक धार्मिक ट्रस्ट) ने उठाया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान फरोख टोडीवाला के वकील ने कहा कि वो अब इन मूर्तियों की नीलामी नहीं करेंगे। कोर्ट ने सरकार से भी इस केस में जवाब मांगा है।
अशोक सालेचा वगैरह ने अपनी अर्ज़ी में कहा है कि वो कट्टर जैन धर्म को मानने वाले हैं और मूर्ति पूजा में विश्वास रखते हैं। उनका कहना है कि ये मूर्तियां नीलाम नहीं होनी चाहिए, बल्कि जैन समुदाय को पूजा के लिए मिलनी चाहिए। उन्होंने पहले टोडीवाला कंपनी से बात की थी। पहले तो उन्होंने कहा कि नीलामी नहीं होगी पर फिर पलट गए, इसलिए लीगल नोटिस भेजना पड़ा।
अब देखना होगा कि सरकार क्या जवाब देती है। कोर्ट का ये फैसला जैन समुदाय के लिए बड़ी जीत है। कह सकते हैं कि सालेचा और जैन संघ ने सही वक्त पर कदम उठाया।
ये मूर्तियां जैन तीर्थंकरों और देवी-देवताओं की थीं। इस केस में केंद्र सरकार और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया को भी नोटिस गया है कि वे इन मूर्तियों को अपनी कस्टडी में लें।
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