मुंबई

रात भर पूछताछ कर अधिकारों का हनन! बॉम्बे हाईकोर्ट ने ED को लगाई फटकार, जारी किए नए निर्देश

बॉम्बे हाईकोर्ट
Image Source - Web

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक सनसनीखेज फैसले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि रात में बयान दर्ज कर किसी व्यक्ति के ‘सोने के अधिकार’ का हनन नहीं किया जा सकता। इस मामले में कोर्ट ने ED के लिए कुछ अहम निर्देश भी जारी किए हैं।

64 साल के कारोबारी राम कोटूमल इस्सरानी के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की। इस्सरानी को ED ने एक बैंक धोखाधड़ी में पूछताछ के लिए बुलाया था। उनका आरोप है कि उनसे देर रात तक बयान लिया गया, जिसकी वजह से उन्हें सोने का मौका नहीं मिला।

ऐसे में हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ‘सोने का अधिकार’ एक बुनियादी मानवीय जरूरत है। रात में किसी को जगाकर उसका बयान दर्ज करना उसके अधिकारों का हनन है। इससे व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित होता है और मानसिक क्षमता भी कमजोर हो सकती है।

ED को निर्देश: कोर्ट ने ED को निर्देश दिया है कि वो इस तरह के मामलों में पूछताछ के लिए समय-सीमा तय करे। बयान दिन में ही लिए जाएं, ताकि रात में किसी को परेशानी ना हो।

हाईकोर्ट का ये फैसला बहुत अहम माना जा रहा है, क्योंकि अक्सर जांच एजेंसियां रात में भी पूछताछ करती हैं, जिससे लोगों को काफी तकलीफ होती है। कोर्ट का ये निर्देश नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिहाज से बहुत अहम है।

इस्सरानी का मामला खारिज: कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ लगे आरोपों में दम ना पाते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी।

ED का पक्ष: ED के वकील का कहना था कि इस्सरानी ने खुद रात में बयान देने की सहमति दी थी। हालांकि कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि सहमति मायने नहीं रखती, नियमों का पालन होना चाहिए।

ये भी पढ़ें: शिक्षकों की राजनीति पर EC का डंडा! जानिए पूरी कहानी

You may also like