Viral Video: महाराष्ट्र के सातारा जिले के वाई तहसील का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक छात्र परीक्षा में समय पर पहुंचने के लिए पैराग्लाइडिंग करता हुआ नजर आ रहा है। यह वीडियो लाखों लोगों द्वारा देखा और पसंद किया जा चुका है। यह अनोखी घटना पसरानी गांव के एक युवा छात्र समर्थ महंगड़े की है, जिसने ट्रैफिक जाम के कारण परीक्षा में देरी होने से बचने के लिए यह अनूठा तरीका अपनाया।
कैसे आई यह नौबत?समर्थ महंगड़े किसी घरेलू काम से पंचगनी गया था, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उसे याद आया कि उसी दिन उसका कॉलेज में पेपर है और परीक्षा शुरू होने में केवल 15-20 मिनट बचे हैं। दुर्भाग्यवश, वाई-पचगनी रोड पर पसरानी घाट में भारी ट्रैफिक जाम था, जिससे समय पर कॉलेज पहुंचना नामुमकिन लग रहा था।
पैराग्लाइडिंग बनी आखिरी उम्मीदइस मुश्किल घड़ी में पंचगनी में पैराग्लाइडिंग समूह जीपी एडवेंचर्स के गोविंद येवले ने समर्थ की मदद करने का फैसला किया। उन्होंने छात्र को पैराग्लाइडिंग के जरिए घाट पार कराने की योजना बनाई। समर्थ के पास कोई और विकल्प नहीं था, इसलिए उसने हिम्मत जुटाकर पैराग्लाइडिंग करने का फैसला किया।
रोमांचक सफर और परीक्षा तक पहुंचने की जद्दोजहदसमर्थ ने अपने बैग के साथ पैराग्लाइडिंग की और कुछ ही मिनटों में घाट को पार कर कॉलेज पहुंच गया। उसकी यह यात्रा बेहद रोमांचक और चुनौतीपूर्ण थी। समर्थ ने कहा, “मेरा पेपर शुरू होने में केवल 20 मिनट बचे थे और ट्रैफिक के कारण लग रहा था कि मैं समय पर नहीं पहुंच पाऊंगा। गोविंद येवले सर ने पैराग्लाइडिंग का सुझाव दिया और मैंने बहादुरी से इसे अपनाया। ये मेरे जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव था। अगर उन्होंने मेरी मदद न की होती, तो मेरा पेपर छूट जाता। मैं उनका सदैव आभारी रहूंगा।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियोपैराग्लाइडिंग के जरिए परीक्षा देने जाने का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब धूम मचा रहा है। कई लोग इस छात्र की हिम्मत और एडवेंचर स्पिरिट की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे जोखिम भरा कदम भी मान रहे हैं।
पर्यटकों के लिए आम समस्या बनी ट्रैफिक जामवाई-पचगनी रोड पर पसरानी घाट में अक्सर ट्रैफिक जाम की समस्या देखी जाती है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, समर्थ महंगड़े ने अपनी परीक्षा में देरी होने से बचने के लिए जो तरीका अपनाया, वह निश्चित रूप से अनोखा था।
निष्कर्षयह घटना बताती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी सही निर्णय और हिम्मत से रास्ता निकाला जा सकता है। समर्थ महंगड़े की यह कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणादायक है, जो किसी भी चुनौती के बावजूद अपने लक्ष्य तक पहुंचने की इच्छाशक्ति रखते हैं।
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वरिष्ट संवादाता – हरीष तिवारी