भारत की संसद में हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 लोकसभा से पास हो गया है। 12 घंटे से ज्यादा चली मैराथन चर्चा के बाद ये विधेयक रात 2 बजे पारित हुआ। इस बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 232 सांसदों ने वोट दिया। इस लेख में हम आपको इस विधेयक से जुड़ी हर अहम जानकारी, चर्चा के दौरान हुए हंगामे और नेताओं के बयानों के बारे में विस्तार से बताएंगे। अगर आप वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं, तो ये ब्लॉग आपके लिए है।
वक्फ संशोधन विधेयक क्या है और इसे क्यों लाया गया?
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 का मकसद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उपयोग को पारदर्शी बनाना है। सरकार का दावा है कि ये विधेयक किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि वक्फ बोर्ड में सुधार और उसकी संपत्तियों के सही इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे संवैधानिक बताते हुए कहा कि ये विधेयक अल्पसंख्यकों के हित में है और भारत में अल्पसंख्यक समुदाय पूरी तरह सुरक्षित है।
लेकिन विपक्ष ने इस बिल को असंवैधानिक और मुस्लिम विरोधी करार दिया। चर्चा के दौरान कई सांसदों ने इसे लेकर कड़ा विरोध जताया, जिसके चलते सदन में हंगामा भी हुआ।
लोकसभा में क्या हुआ? चर्चा और हंगामे की पूरी कहानी
लोकसभा में इस बिल पर 12 घंटे से ज्यादा समय तक बहस चली। स्पीकर ओम बिरला ने चर्चा पूरी होने के बाद वोटिंग करवाई, जिसमें बिल के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े। इस दौरान विपक्षी सांसदों जैसे गौरव गोगोई और असदुद्दीन ओवैसी ने कई संशोधन पेश किए, लेकिन ये खारिज हो गए।
ओवैसी का विरोध: AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी बात रखने के बाद वक्फ बिल को फाड़ दिया। इस पर बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने सवाल उठाया और इसे असंवैधानिक करार दिया।
सत्ता पक्ष का समर्थन: सत्तापक्ष के सांसदों ने बिल का समर्थन करते हुए इसे वक्फ प्रणाली में सुधार का कदम बताया।
विपक्ष का हंगामा: विपक्षी सांसदों ने बिल को मुस्लिम विरोधी और संविधान के खिलाफ बताते हुए जमकर नारेबाजी की।
किरेन रिजिजू ने क्या कहा? विपक्ष पर किया पलटवार
चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, “बिना तर्क के आरोप लगाना गलत है। अगर कोई कहता है कि ये बिल असंवैधानिक है, तो उसे बताना चाहिए कि ये कैसे असंवैधानिक है। भारत में अल्पसंख्यक पूरी तरह सुरक्षित हैं। मैं खुद अल्पसंख्यक हूं और कह सकता हूं कि इस देश से बेहतर जगह अल्पसंख्यकों के लिए कहीं नहीं है। ‘वक्फ बाई यूजर’ का मतलब ये नहीं कि कोई जमीन पर सिर्फ दावा करके उसे वक्फ की संपत्ति बना दे। इसके लिए दस्तावेज चाहिए।”
रिजिजू ने ये भी साफ किया कि ये बिल इस्लाम या मुस्लिम विरोधी नहीं है, बल्कि ये संवैधानिक ढांचे के तहत लाया गया है।
अमित शाह का बयान: “ये भारत का कानून, सभी को मानना होगा”
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस चर्चा में हिस्सा लिया और विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “ये विधेयक वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग के लिए है। इसमें गैर-मुस्लिमों को भी वक्फ बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान है, ताकि पारदर्शिता आए। विपक्ष गलत जानकारी फैला रहा है। ये बिल किसी तारीख से पीछे लागू नहीं होगा। ये भारत सरकार का कानून है और इसे सभी को स्वीकार करना होगा। शाह ने आर्टिकल 370 और सीएए का जिक्र करते हुए कहा कि इन फैसलों से भी अल्पसंख्यकों को कोई नुकसान नहीं हुआ, बल्कि जम्मू-कश्मीर में हालात बेहतर हुए हैं।”
ओवैसी और अखिलेश का विरोध: “ये सांप्रदायिक राजनीति”
ओवैसी ने बिल को फाड़ते हुए कहा कि ये मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। उन्होंने पूछा कि हिंदुओं के लिए ऐसा कोई प्रावधान क्यों नहीं है। जवाब में रिजिजू ने कहा कि हिंदुओं के लिए पहले से ही प्रावधान मौजूद हैं। इसपर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इसे बीजेपी की सांप्रदायिक राजनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, “ये सरकार की नाकामी छिपाने का तरीका है। असली मुद्दा चीन द्वारा कब्जाई जमीन है, लेकिन उस पर कोई बात नहीं कर रहा।”
वक्फ संशोधन विधेयक के मुख्य बिंदु
पारदर्शिता: वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार और दुरुपयोग रोकना।
गैर-मुस्लिमों की भागीदारी: वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना।
दस्तावेजीकरण: ‘वक्फ बाई यूजर’ के तहत बिना सबूत के जमीन को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।
वक्फ संशोधन विधेयक अब लोकसभा से पास हो चुका है और इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस जारी है। जहां सरकार इसे सुधार का कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे अल्पसंख्यक विरोधी करार दे रहा है। आने वाले दिनों में ये देखना दिलचस्प होगा कि ये विधेयक कब तक कानून बन पाता है और इसका असर क्या होगा। वैसे आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
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