ऑनटीवी स्पेशल

वक्फ विधेयक 2024: सुधार या मुसलमानों के अधिकारों पर हमला? सरकार की सफाई और विपक्ष के सवाल

वक्फ विधेयक 2024: सुधार या मुसलमानों के अधिकारों पर हमला? सरकार की सफाई और विपक्ष के सवाल
वक्फ विधेयक 2024 को हाल ही में पेश किया गया है, जिससे देशभर में चर्चा और विवाद शुरू हो गया है। इस बिल के जरिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव करने का प्रस्ताव है। जहां सरकार इसे सुधार की दिशा में कदम बता रही है, वहीं विपक्ष और कुछ मुस्लिम संगठनों ने इसके खिलाफ विरोध दर्ज कराया है।

वक्फ विधेयक 2024: क्यों है चर्चा में?

वक्फ विधेयक 2024 को लेकर काफी राजनीति हो रही है। यह विधेयक वक्फ बोर्ड और उनकी संपत्तियों के प्रबंधन के तरीकों में सुधार लाने का प्रयास करता है। लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता इसे मुसलमानों की संपत्तियों को छीनने की कोशिश मानते हैं।

सरकार का कहना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करेगा और इससे मुकदमों की संख्या कम होगी। हालांकि, AIMPLB और अन्य संगठनों का मानना है कि यह समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है और वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण पाने का प्रयास है।

वक्फ संपत्तियों पर नए प्रावधान

विधेयक के अनुसार, वक्फ बोर्डों को अपनी संपत्तियों का असल मूल्यांकन करवाने के लिए जिला कलेक्टरों के कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वक्फ बाय यूजर की व्यवस्था को समाप्त करने का प्रस्ताव है, जिसका अर्थ है कि वक्फ संपत्तियों की घोषणा के अधिकार अब केवल उस व्यक्ति के पास होंगे जो कम से कम पाँच सालों से इस्लाम का पालन कर रहा हो।

इसके साथ ही, वक्फ संपत्तियों से मिलने वाले राजस्व के रिकॉर्ड को एक केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड करने की व्यवस्था की जाएगी। इससे सरकार वक्फ संपत्तियों पर बेहतर नजर रख सकेगी। AIMPLB ने इस प्रावधान का विरोध करते हुए इसे मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।

विपक्ष का विरोध और सवाल

असदुद्दीन ओवैसी और कई मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह विधेयक एकतरफा है। ओवैसी का सवाल है कि ऐसा कोई प्रावधान हिंदू बंदोबस्ती अधिनियम या गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के लिए क्यों नहीं है? उनके मुताबिक, यह बिल सिर्फ मुसलमानों की संपत्तियों पर निशाना साधता है। इसके अलावा, कलेक्टर को संपत्तियों पर अधिक शक्ति देने के प्रस्ताव का भी विरोध किया जा रहा है।

सरकार की सफाई

सरकार ने विधेयक को लेकर सफाई दी है कि इसका मकसद वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करना है। इसके तहत वक्फ संपत्तियों की असल स्थिति का पता लग सकेगा और विवादित संपत्तियों का पुन: सत्यापन किया जाएगा। इससे वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा।

वक्फ संपत्तियों की संरचना और सुधार

विधेयक में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव का भी प्रस्ताव है। इसमें बोहरा और आगा खानी समुदायों के लिए अलग ओकाफ बोर्ड बनाने की बात भी कही गई है। सरकार का तर्क है कि यह बिल मौजूदा वक्फ अधिनियम 1995 में जरूरी बदलाव करके इसे अधिक प्रभावी बनाएगा।

नतीजा: सुधार या विवाद?

वक्फ विधेयक 2024 ने देश में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। जहां कुछ लोग इसे सुधार की दिशा में कदम मानते हैं, वहीं कुछ इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला समझते हैं। सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए जरूरी है, लेकिन इसका विरोध करने वाले इसे मुसलमानों के साथ भेदभाव बताते हैं।

Hashtags: #WaqfBill2024 #AIMPLB #WaqfProperties #GovernmentReform #MuslimRights

ये भी पढ़ें: साइबर सुरक्षा: डिजिटल युग में अमित शाह की बड़ी पहल, 5000 साइबर कमांडो तैयार करेगी सरकार

You may also like