लो जी, राजनीतिक गलियारों में गॉसिप के लिए और राजनेताओं को मिर्ची लगाने के लिए एक नई खबर ने अच्छे से जन्म ले लिया है। और इस खबर के जन्मदाता हैं, Non Other Then मनसे प्रमुख राज ठाकरे। जी हां, ये खबर तो अब तक आप जान ही चुके होंगे कि इस दिग्गज हस्ती ने, जो खुद को हिंदु और धर्म का रखवाला मानता है, उसने देश की सबसे पवित्र नदी मां गंगा को अपवित्र कहकर ये तक कह दिया कि वो उस पानी को छुएंगे भी नहीं, नहाना तो दूर की बात है।
भई, राजनीति में कब और क्या हो जाए, कुछ कहना मुश्किल है। अब भले ही लोगों के दिमाग में राज ठाकरे ने गुस्से का बीज बो दिया है, लेकिन मामले को गंभीरता से तूल देने का काम किया है AIMIM पार्टी के जाने माने नेता वारिस पठान ने। उन्होंने मनसे प्रमुख के बयान को आड़े हाथों लेते हुए झन्नाटेदार हमला करते हुए कहा है कि, “देखिए मैं तो हर रोज आपके लोगों के माध्यम से सुनता हूं कि 80 करोड़ लोग कुंभ में गए, हालांकि इसकी गिनती किसने की, ये तो हम नहीं जानते, लेकिन मैंने अगर ऐसा बयान दिया होता, तो वे मुझे राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी घोषित कर देते और मुझे सलाखों के पीछे डाल देते।”
ना सिर्फ राज ठाकरे को लेकर, बल्कि राज ठाकरे के साथ-साथ वारिस पठान ने BJP को भी संदेश दिया है ये कहते हुए कि, “राज ठाकरे ने कहा कि वो कुंभ के पानी को छुएंगे भी नहीं, क्योंकि लोग उस पानी से बीमार पड़ रहे हैं। अब BJP सरकार उनके खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है? वे कुछ नहीं करेंगे। अगर ऐसा मैंने कहा होता, तो आप भी जानते हैं कि मेरे साथ क्या होता। ये BJP का दो रूप है जो पूरे देश के सामने आ जाता है। अब राज ठाकरे को राष्ट्र विरोधी कब घोषित करेंगे ये तो सीएम देवेंद्र फडणवीस को आकर बताना चाहिए।”
क्या कहा था राज ठाकरे ने?
दरअसल मनसे पार्टी के 19वें स्थापना दिवस के खास मौके पर पिपरी चिंचवड़ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भाषण देते हुए ठाकरे साहब ने कहा कि उनकी पार्टी के एक नेता महाकुंभ में स्नान करने गए थे और उन्होंने मेरे लिए भी कुंभ से संगम का जल लाया था, लेकिन मैंने उसे पीने से इनकार कर दिया। राज ठाकरे ने कहा कि, “बाला नंदगांवकर मेरे लिए थोड़ा गंगा जल लेकर आए थे, बोले इसे पी लो। मैंने कहा, चले जाओ, मैं नहाने वाला नहीं हूं और गंगाजल क्यों पीना चाहिए?”
राज ठाकरे ने आगे कहा कि, “वो पानी कौन पिएगा? अभी-अभी कोविड गया है। दो साल तक मुंह पर मास्क लगाकर घूम रहे थे, अब वहां जाकर स्नान कर रहे हैं। कौन उस गंगा में जाकर कूदेगा? श्रद्धा का भी कुछ अर्थ होना चाहिए। मैंने लोगों को अपना शरीर रगड़कर गंगा में नहाते हुए देखा है। कई लोग वहां कपड़े धो रहे थे। आस्था का भी कुछ मतलब होना चाहिए।”
भई अभी कुछ दिनों पहले सपा नेता अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ कर लोगों के गुस्से के पारे को हाई कर दिया, और जिससे मची हलचल की वजह से उन्हें विधानसभा से निलंबित तक होना पड़ा। अभी अबू आजमी वाला मैटर ठंढा भी नहीं हुआ कि राज ठाकरे ने हिंदू धर्म की आस्था पर प्रहार कर दिया, जिससे लोगों में उन्हें भी लेकर नाराजगी है। और अब तो वारिस पठान के बयान ने राजनीतिक गलियारों में इस चर्चा को और ज्यादा हवा दे दी है। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि, आगे आगे होता है क्या। खैर इस पूरे मामले पर आपका क्या कहना है, हमें कमेंट कर जरूर बताएं।
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