केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मुंबई में पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। यह अधिकारी एक निजी कंपनी से बिल पास करने के बदले 50,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने वाली देश की प्रमुख एजेंसी है। अक्सर सरकारी अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा जाता है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम रेलवे के चीफ़ ऑफ़िस सुपरिन्टेन्डेन्ट, संजय वाघेला को 50,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। वाघेला पर आरोप है कि वह एक निजी कंपनी से उसके बिल पास करने के बदले रिश्वत मांग रहे थे।
CBI को वाशी के रहने वाले एक व्यक्ति से 22 फरवरी, 2024 को एक शिकायत मिली थी जिसमें वाघेला पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। शिकायत में कहा गया है कि कंपनी पश्चिम रेलवे को नियमित रूप से सामग्री की आपूर्ति करती है।
हाल ही में कंपनी ने 4.80 करोड़ रुपये का सामान रेलवे को दिया था और उसके तीन बिल भुगतान के लिए लंबित थे। जब शिकायतकर्ता बिल पास कराने के लिए वाघेला से मिला तो उन्होंने 50 हज़ार रुपये की रिश्वत मांगी।
शिकायत मिलने के बाद CBI ने मामले की जांच की और फिर आरोपी को रंगेहाथ पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया। CBI ने वाघेला को उनके दफ़्तर में 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ़्तार कर लिया। CBI ने आरोपी के घर की भी तलाशी ली जहां से कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद हुए हैं।
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भ्रष्टाचार सरकारी महकमों में फैली एक बड़ी बीमारी है। CBI जैसी एजेंसियां इस तरह के भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी नज़र रखती हैं। आरोपी अधिकारी को अब अदालत में पेश किया जाएगा जहां उसे सज़ा मिल सकती है।