चंद्रबाबू नायडू और मोदी की बैठक में क्या हुआ: चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए का समर्थन करने पर संदेह को दूर करते हुए कहा कि उन्होंने नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में ही समर्थन दे दिया था। तेलुगु देसम पार्टी के नेता नायडू ने बताया कि एनडीए की बैठक अच्छी रही जब उन्होंने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर मोदी को गठबंधन का नेतृत्व सौंपा।
उन्होंने कहा, “अगर हम एनडीए का हिस्सा नहीं हैं तो चुनाव कैसे लड़ें? हमने साथ मिलकर ही लड़ाई लड़ी है। आप संदेह क्यों कर रहे हैं, मुझे नहीं समझ आता।” 74 वर्षीय नायडू ने ये बातें बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहीं, जहां वो मोदी के साथ बैठे थे। जारी की गई एनडीए नेताओं की फोटो में नायडू को मोदी के बगल में बैठा दिखाया गया।
आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से, तेलुगु देसम ने 16 सीटें जीतीं, भाजपा 3 और जनसेना 2 सीटों पर विजयी रही। इस तरह एनडीए को राज्य से कुल 22 सीटें मिलीं, जबकि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को सिर्फ 4 सीटें ही हासिल हुईं। नायडू के लिए राज्य विधानसभा चुनावों में भी बड़ी सफलता मिली, जहां उनकी पार्टी ने 175 में से 135 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया और अब वो आगामी मुख्यमंत्री बनने की राह पर हैं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, चंद्रबाबू नायडू राज्य के बदले राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए भाजपा से कड़ा समझौता करेंगे। आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा उनकी प्राथमिकता में रहेगा। साथ ही राज्य की राजधानी अमरावती के विकास के लिए केंद्र से अतिरिक्त धनराशि और पोलावरम परियोजना के पूरा होने की मांग भी उठा सकते हैं। खबरों की मानें तो नायडू मंत्रिमंडल में कुछ महत्वपूर्ण विभागों और स्पीकर पद के लिए भी दावेदारी कर सकते हैं।
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नरेंद्र मोदी के 2019 के एक भाषण को साझा किया जिसमें मोदी ने नायडू की आलोचना की थी। मोदी ने आरोप लगाया था कि नायडू के पास छुपाने के लिए बहुत कुछ है, इसलिए वो आंध्र को मिलने वाले केंद्रीय धन का कोई हिसाब नहीं देना चाहते थे। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू और एनडीए के बीच नए समीकरण बनने वाले हैं।