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क्या है ISRO का स्पेडेक्स मिशन और क्या होगा इससे फायदा?

ISRO
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30 दिसंबर 2024 को ISRO ने श्रीहरिकोटा से रात को 10 बजे SpaDeX यानी, स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट मिशन लॉन्च किया। इसके तहत पृथ्वी से 470 किमी ऊपर PSLV-C6o रॉकेट से दो स्पेसक्राफ्ट को डिप्लॉय किया गया।

अब आने वाले 7 जनवरी 2025 को ISRO के इस स्पेडेक्स मिशन के साथ अंतरिक्ष में बुलेट की स्पीड से दस गुना ज्यादा तेजी के साथ ट्रेवल कर रहे दो स्पेसक्राफ्ट को कनेक्ट किया जाएगा। अगर इसरो का ये ड्रीम मिशन सक्सेस हो जाता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा।

गौरतलब है कि इस मिशन की कामयाबी पर ही निर्भर है ISRO का चंद्रयान-4 मिशन, जिसके तहत चंद्रमा की मिट्टी के सेंपल पृथ्वी पर लाए जाने हैं। चंद्रयान-4 मिशन को साल 2028 में लॉन्च किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा स्पेस स्टेशन बनाने और फिर वहां आने-जाने के लिए भी डॉकिंग टेक्नोलॉजी की जरूरत होगी। यही नहीं गगनयान मिशन के लिए भी इस टेक्नोलॉजी की आवश्यकता है, जिसमें किसी इंसान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। ऐसे कई अनोखे कार्य इस मिशन की सफलता पर निर्भर करते हैं।

तो अब हर किसी को इंतजार है 7 जनवरी 2025 का, जब इसरो के स्पेडेक्स मिशन के सफलता की खबर मिलेगी।

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