महाराष्ट्र की राजनीति में 7 जून 2025 को एक बार फिर हलचल मच गई है! लंबे समय से अलग-थलग रहे ठाकरे बंधु उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे अब एक साथ आने की राह पर हैं। जी हां, शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना के पहले पेज पर छपी दोनों भाइयों की तस्वीर ने सियासी गलियारों में तहलका मचा दिया है। इस तस्वीर के साथ मराठी में लिखी हेडलाइन का हिंदी अनुवाद है – “महाराष्ट्र के जो मन में है, वो होगा”। ये खबर न सिर्फ चर्चा का विषय बन गई है, बल्कि मराठी जनता के दिलों में भी नई उम्मीद जगा रही है।
सामना की तस्वीर ने मचाई सनसनी
सामना अखबार के फ्रंट पेज पर उद्धव और राज ठाकरे की एकसाथ वाली तस्वीर ने सबका ध्यान खींचा है। ये तस्वीर शिवसेना (यूबीटी) और मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के गठबंधन की संभावनाओं का प्रतीक मानी जा रही है। इस खबर ने न सिर्फ कार्यकर्ताओं, बल्कि आम मराठी जनता में भी उत्साह भर दिया है। तस्वीर के साथ छपी हेडलाइन साफ संदेश दे रही है कि कुछ बड़ा होने वाला है!
मुंबई की सड़कों पर ठाकरे बंधुओं के पोस्टर
मामला सिर्फ अखबार तक सीमित नहीं है। मुंबई और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में उद्धव और राज ठाकरे की तस्वीरों वाले पोस्टर लग गए हैं। इन पोस्टर्स में साफ लिखा है, “महाराष्ट्र की 8 करोड़ मराठी जनता दोनों भाइयों को फिर से एक साथ देखना चाहती है”। ये पोस्टर जनता की उस भावना को बयां कर रहे हैं, जो ठाकरे बंधुओं को एक मंच पर देखने की ख्वाहिश रखती है।
गठबंधन की चर्चा, लेकिन अभी इंतजार
सामना में छपी यह तस्वीर ऐसे समय में आई है, जब उद्धव ठाकरे ने मनसे के साथ गठबंधन के सकारात्मक संकेत दिए हैं। खासकर आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए यह दोनों दलों के लिए रणनीतिक रूप से अहम हो सकता है। हालांकि, न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गठबंधन की शर्तों या रूपरेखा पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन उद्धव ठाकरे का बयान, “महाराष्ट्र के दिल में जो होगा, वही होगा।” इस तस्वीर के साथ सामना में छपकर सियासी हलकों में चर्चा का केंद्र बन गया है।
मनसे की अहम बैठक: क्या बनेगा गठबंधन का सुर?
7 जून की सुबह 9:30 बजे से शिवतीर्थ पर मनसे उपाध्यक्षों की एक अहम बैठक चल रही है, जिसमें खुद राज ठाकरे मौजूद हैं। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में ठाकरे बंधुओं के एकसाथ आने की संभावनाओं पर गंभीर चर्चा हो सकती है। क्या इस बैठक से गठबंधन का कोई ठोस सुर निकलेगा? यह सवाल हर किसी के मन में है।
महाराष्ट्र की सियासत में नया अध्याय?
ठाकरे बंधुओं का एकसाथ आना महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया अध्याय लिख सकता है। शिवसेना (यूबीटी) और मनसे का गठबंधन न सिर्फ मराठी अस्मिता को मजबूत कर सकता है, बल्कि स्थानीय चुनावों में भी बड़ा उलटफेर कर सकता है। जनता की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या ये दोनों भाई वाकई एक मंच पर आएंगे और महाराष्ट्र के लिए एक नई सियासी कहानी लिखेंगे?
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