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भारत का कौन सा राज्य है महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित? जानें ‘महिला सुरक्षा सूचकांक 2025’ के चौंकाने वाले खुलासे!

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भारत में महिला सुरक्षा को लेकर हर साल चर्चाएं होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का कौन सा शहर महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित है? हाल ही में जारी ‘महिला सुरक्षा सूचकांक (NARI) 2025’ ने इस सवाल का जवाब दे दिया है। ये सूचकांक देश के 31 प्रमुख शहरों में किए गए व्यापक सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें 12,770 महिलाओं की राय और अनुभव शामिल किए गए हैं। आइए, इस रोचक और महत्वपूर्ण रिपोर्ट के निष्कर्षों को करीब से देखें और जानें कि आपके शहर का स्थान इस सूची में कहां है!

कोहिमा, विशाखापत्तनम और भुवनेश्वर शीर्ष पर
सर्वेक्षण के मुताबिक, कोहिमा, विशाखापत्तनम, और भुवनेश्वर देश के सबसे सुरक्षित शहरों में शीर्ष स्थान पर हैं। खास बात ये है कि पूर्वोत्तर के शहर जैसे आइजोल, गंगटोक, और ईटानगर भी इस सूची में ऊपर हैं। इन शहरों की सफलता का राज है- उच्च लैंगिक समानता, मजबूत बुनियादी ढांचा, कुशल पुलिस व्यवस्था, और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी। ये शहर न केवल महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करते हैं, बल्कि उनकी स्वतंत्रता और आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देते हैं।

मुंबई चमका, दिल्ली-कोलकाता पिछड़े
महानगरीय शहरों की बात करें तो मुंबई ने टॉप-7 में अपनी जगह बनाई है, जो महिलाओं के लिए एक सकारात्मक खबर है। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि दिल्ली और कोलकाता सबसे कम स्कोर वाले शहरों में शामिल हैं। इसके अलावा, फरीदाबाद, पटना, और जयपुर भी इस सूची में नीचे हैं। इन शहरों में खराब बुनियादी ढांचा, पितृसत्तात्मक सोच, और कमजोर संस्थागत जवाबदेही को असुरक्षा का प्रमुख कारण माना गया है।

रांची और श्रीनगर का प्रदर्शन सबसे खराब
सर्वेक्षण में रांची और श्रीनगर को सबसे कम स्कोर मिला है। इन शहरों में महिलाओं को न केवल रात में, बल्कि दिन के समय भी असुरक्षा का डर सताता है। ये स्थिति बेहतर नीतियों और सामाजिक बदलाव की मांग करती है।

60% महिलाएं महसूस करती हैं सुरक्षित, लेकिन रात में डर
रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में 60% महिलाओं ने अपने शहरों को ‘सुरक्षित’ बताया, जबकि 40% महिलाओं ने इसे ‘इतना सुरक्षित नहीं’ या ‘असुरक्षित’ माना। खास तौर पर रात के समय सुरक्षा की धारणा में भारी कमी देखी गई है। ये इंगित करता है कि रात में सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत है।

राष्ट्रीय औसत और शहरों की रैंकिंग
राष्ट्रीय औसत स्कोर 65% है, और शहरों को इस आधार पर पांच श्रेणियों में बांटा गया है – काफी ऊपर, ऊपर, पर, नीचे, और काफी नीचे। ये सूचकांक डेटा साइंस कंपनी पीवैल्यू एनालिटिक्स द्वारा तैयार किया गया है और इसे राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहतकर ने जारी किया। ये रिपोर्ट न केवल आंकड़ों का संग्रह है, बल्कि महिलाओं की वास्तविक भावनाओं और अनुभवों का आईना भी है।

ये सूचकांक हमें सोचने पर मजबूर करता है कि महिला सुरक्षा को और बेहतर करने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। बेहतर पुलिस व्यवस्था, जागरूकता अभियान, और सामाजिक बदलाव इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं। खासकर उन शहरों में, जो इस सूची में नीचे हैं, वहां तत्काल सुधार की जरूरत है।

आपके शहर का स्थान इस सूची में कहां है? क्या आप अपने शहर में सुरक्षित महसूस करती हैं? अपनी राय हमारे साथ साझा करें और इस मुद्दे पर चर्चा को आगे बढ़ाएं!

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