Sudheer Rajbhar: मुंबई के धारावी में अपनी यात्रा के दौरान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चमार स्टूडियो के संस्थापक सुधीर राजभर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद, राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर सुधीर राजभर और उनके डिज़ाइन ब्रांड के बारे में चर्चा की। उन्होंने भारत में दलित युवाओं की चुनौतियों और समावेशी उत्पादन नेटवर्क की भूमिका पर प्रकाश डाला। सुधीर राजभर की कहानी न केवल एक कलाकार और डिज़ाइनर की है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव और सशक्तिकरण की एक प्रेरणादायक मिसाल भी है।
सुधीर राजभर कौन हैं?
Who is Sudheer Rajbhar?
सुधीर राजभर का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ था। वह एक कलाकार, डिज़ाइनर और मुंबई स्थित डिज़ाइन ब्रांड चमार स्टूडियो के संस्थापक हैं। चमार स्टूडियो का नाम एक दलित समुदाय के नाम पर रखा गया है, जो ऐतिहासिक रूप से चमड़े के काम से जुड़ा हुआ है। यह स्टूडियो दलित चमड़ा कारीगरों और शिल्पकारों के साथ मिलकर नैतिक और टिकाऊ उत्पाद बनाता है, जैसे बैग, जूते, पेट लीश और हाल ही में फर्नीचर।
चमार स्टूडियो की शुरुआत
The Beginning of Chamar Studio
“चमार” शब्द भारत में एक दलित समुदाय को संदर्भित करता है, जो चमड़े के काम और टैनिंग से जुड़ा हुआ है। यह शब्द अक्सर एक जातिवादी गाली के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और इसके साथ गहरी सामाजिक कलंक जुड़ी हुई है। सुधीर राजभर ने इस शब्द को पुनर्परिभाषित करने का फैसला किया और इसे अपनी पहचान के रूप में अपनाया।
2015 में गोमांस पर प्रतिबंध लगने के बाद, कई दलित और मुस्लिम चमड़ा कारीगर बेरोजगार हो गए। इस स्थिति ने सुधीर को चमड़े के विकल्प की तलाश करने के लिए प्रेरित किया। 2017 में, उन्होंने एक रिसाइकल्ड रबर मटेरियल की खोज की, जो कचरे से बनाया जाता है और चमड़े की बनावट और गुणों से मिलता-जुलता है। यह चमार स्टूडियो की नींव बना, जहां उन्होंने धारावी के दलित और मुस्लिम चमड़ा कारीगरों के साथ साझेदारी की।
चमार स्टूडियो का मिशन
The Mission of Chamar Studio
चमार स्टूडियो का उद्देश्य न केवल फैशनेबल उत्पाद बनाना है, बल्कि सामाजिक न्याय के मुद्दों को उजागर करना भी है। इस ब्रांड का लक्ष्य दलित समुदाय को शिल्प कौशल के माध्यम से प्रतिष्ठा दिलाना है। सुधीर राजभर का मानना है कि पारंपरिक शिल्प कौशल और आधुनिक उद्यमिता एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं और कुशल कारीगरों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिला सकते हैं।
राहुल गांधी की मुलाकात और प्रतिक्रिया
Rahul Gandhi’s Meeting and Reaction
राहुल गांधी ने सुधीर राजभर और चमार स्टूडियो की सफलता को भारत के लाखों दलित युवाओं की जीवन यात्रा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि सुधीर ने धारावी के कारीगरों की छिपी हुई प्रतिभा को पहचाना और एक ऐसा ब्रांड बनाया, जो वैश्विक फैशन जगत में मान्यता प्राप्त कर चुका है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि चमार स्टूडियो की सफलता इस बात का उदाहरण है कि कैसे पारंपरिक शिल्प कौशल और आधुनिक उद्यमिता मिलकर कुशल कारीगरों को सशक्त बना सकते हैं।
वैश्विक पहचान
Global Recognition
चमार स्टूडियो ने अपने अनूठे डिज़ाइन और सामाजिक संदेश के कारण वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है। पिछले साल दिसंबर में, वैश्विक आइकन रिहाना को डिज़ाइन मियामी इवेंट में चमार स्टूडियो द्वारा डिज़ाइन की गई एक बर्न्ट ऑरेंज फ्लैप चेयर पर बैठे हुए देखा गया। इसी इवेंट में, अमेरिकन फुटबॉल खिलाड़ी स्टेफॉन डिग्स को राजभर की एक अन्य कृति, ग्रीन-ब्लू बाल्ड्रिक चेयर पर बैठे हुए देखा गया। यह पल वायरल हो गया और सुधीर राजभर को एक व्यापक दर्शक वर्ग मिला।
सुधीर राजभर की कहानी न केवल एक कलाकार की सफलता की कहानी है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव और सशक्तिकरण की एक मिसाल भी है। चमार स्टूडियो के माध्यम से, उन्होंने न केवल दलित समुदाय को गरिमा दिलाई है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी फैलाई है। उनकी यह यात्रा यह साबित करती है कि पारंपरिक शिल्प कौशल और आधुनिक उद्यमिता एक साथ मिलकर वैश्विक स्तर पर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
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