प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई से 1 जून तक तमिलनाडु के कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान करने जा रहे हैं। इस स्थान का महत्व इसलिए है क्योंकि यहां पर 1892 में स्वामी विवेकानंद ने तीन दिन और तीन रात तक लगातार ध्यान किया था।
विवेकानंद के इस ध्यान ने उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया था। उन्होंने भारतीय दर्शन और आध्यात्मिकता को गहराई से समझा और विश्व भर में भारतीय ज्ञान के प्रचार-प्रसार की योजना बनाई। उनका यह अनुभव उनके और उनके शिष्यों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना।
प्रधानमंत्री मोदी का यह ध्यान न केवल उनके आध्यात्मिक जीवन का हिस्सा है बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। लोकसभा चुनाव प्रचार के बाद यह ध्यान उनकी भारतीय दर्शन और आध्यात्मिकता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस दौरान प्रधानमंत्री विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में 45 घंटे बिताएंगे। यह स्मारक भारतीय दर्शन और आध्यात्मिकता का प्रतीक है साथ ही दक्षिण भारत में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी। इस स्थान के चयन से मोदी ने भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति अपनी गहरी आस्था को प्रकट किया है।
इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया जाएगा और पर्यटकों के लिए इस स्थान को बंद रखा जाएगा। मोदी हेलीकॉप्टर से कन्याकुमारी पहुंचेंगे और 30 मई की शाम को ध्यान मंडपम में जाएंगे।
इस ध्यान का उद्देश्य न केवल आध्यात्मिक शांति प्राप्त करना है बल्कि यह भारतीय दर्शन और संस्कृति के प्रति एक समर्पण भी है। साथ ही यह भारतीय राजनीति में भी एक संदेश देता है कि आध्यात्मिकता और राजनीति एक साथ चल सकती हैं।