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साढ़े 7 करोड़ की घड़ी पहन सामने आए जुकरबर्ग! दिन-रात काम चले तो 250 दिन में बनती है केवल एक वॉच

जुकरबर्ग
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हाल ही में मेटा (Meta) के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपने एक वीडियो में खास घोषणा की। हालांकि, उनके बयान से ज्यादा चर्चा उनकी कलाई पर बंधी घड़ी की हुई। ये कोई साधारण घड़ी नहीं, बल्कि ग्रुबेल फोर्सी हैंडमेड 1 (Greubel Forsey Hand Made 1) थी। इस घड़ी की कीमत लगभग 7.5 करोड़ रुपये है। इतनी महंगी घड़ी के पीछे क्या राज है? चलिए जानते हैं कि दुनिया की सबसे दुर्लभ घड़ियों में क्यों गिनी जाती है Greubel Forsey।

कैसे बनी Greubel Forsey Hand Made 1 सबसे खास?
ग्रुबेल फोर्सी की ये घड़ी अपने आप में अनोखी है। इसे बनाने में आधुनिक मशीनों की बजाय 95% से अधिक हिस्सा हाथ से तैयार किया जाता है। हर हिस्से को बारीकी से तराशा और फिट किया जाता है। इसका हेरस्प्रिंग, जो सबसे जटिल हिस्सा है, वो भी पूरी तरह हाथ से बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में लगभग 6000 घंटे (करीब 250 दिन) लगते हैं, और क्योंकि चौबीसों घंटे काम नहीं होता, एक घड़ी तैयार करने में 2-3 साल का समय लगता है। यही कारण है कि साल में सिर्फ 2-3 घड़ियां ही बन पाती हैं।

क्यों होती है कीमत करोड़ों में?
इस घड़ी में 272 अलग-अलग हिस्से होते हैं। हर पार्ट को न केवल हाथ से बनाया जाता है, बल्कि उसमें उच्च गुणवत्ता वाली पॉलिशिंग और डिटेलिंग की जाती है। इसमें ग्राटे फिनिश, फ्लेम-ब्लू हैंड्स, और व्हाइट गोल्ड केस जैसे विशेष फीचर्स होते हैं। इसका पावर रिजर्व 60 घंटे तक चलता है और ये 30 मीटर गहराई तक वॉटर-रेसिस्टेंट है। इस डिटेलिंग और कारीगरी के कारण ये घड़ी दुनिया के धनाढ्य वर्ग की पहली पसंद बनती है।

क्या Greubel Forsey दुनिया की सबसे महंगी घड़ी है?
हालांकि, ग्रुबेल फोर्सी हैंडमेड 1 दुर्लभ और महंगी है, लेकिन दुनिया की सबसे महंगी घड़ी होने का खिताब ग्राफ डायमंड्स हॉलुसिनेशन (Graff Diamonds Hallucination) के नाम है। इसकी कीमत 455 करोड़ रुपये है और इसमें 110 कैरेट के रंगीन हीरे जड़े हैं। इसे 2014 में पेश किया गया था, और ये विलासिता का प्रतीक मानी जाती है।

क्या बनाता है ग्रुबेल फोर्सी को अद्वितीय?
लग्ज़री घड़ियों की दुनिया में, तकनीकी उत्कृष्टता और शिल्प कौशल का मेल दुर्लभ होता है। जुकरबर्ग की घड़ी सिर्फ स्टाइल स्टेटमेंट नहीं है, ये बारीकी और धैर्य का एक प्रतीक है।

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