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हुक्का पीने पर बैन क्यों? कोर्ट ने साफ किया मामला

हुक्का पीने पर बैन क्यों? कोर्ट ने साफ किया मामला

कर्नाटक में हुक्का बार चलाना अब गैरकानूनी हो गया है। हाई कोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है। कोर्ट का कहना है कि हुक्का पीना लोगों की सेहत के लिए खतरनाक है और इसपर रोक लगाना ज़रूरी है।

हुक्का बार के कुछ मालिकों ने कोर्ट में सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि हुक्का बेचना उनका बिज़नेस है, और सरकार उनका रोज़गार नहीं छीन सकती।

सरकार ने कोर्ट में कहा कि हमारा संविधान कहता है कि लोगों का स्वास्थ्य सरकार की ज़िम्मेदारी है। हुक्का पीने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं, इसलिए उसपर रोक लगाना सही है। कोर्ट ने भी सरकार की बात से सहमति जताई। कोर्ट ने साफ कहा कि  हुक्का पीना सिर्फ धुंआ उड़ाना नहीं है, इसके लिए तैयारी करनी पड़ती है, यानी ये एक सर्विस है।  इसलिए सरकार के पास इसे बैन करने का अधिकार है।

ये फैसला दिखाता है कि कोर्ट लोगों के स्वास्थ्य को कितना अहम मानते हैं। सिगरेट और दूसरी तंबाकू वाली चीजों पर पहले से ही कई तरह के बैन हैं। हुक्का पर रोक भी उसी दिशा में एक कदम है।

कोर्ट ने ये भी कहा कि हर्बल हुक्का (जिसमें तम्बाकू नहीं होता) भी बैन रहेगा क्योंकि वो भी उसी तरह पीया जाता है।

सरकार का कहना है कि नौजवानों में हुक्का पीने का चलन बढ़ रहा था, जो कि उनकी सेहत के लिए बहुत बुरा है।

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