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विश्व मलेरिया दिवस 2025: नवी मुंबई का जागरूकता अभियान बना मिसाल

विश्व मलेरिया दिवस 2025: नवी मुंबई का जागरूकता अभियान बना मिसाल

हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) के रूप में मनाया जाता है, और इस साल नवी मुंबई ने इस मौके को एक अनूठे और प्रभावी तरीके से यादगार बनाया। नवी मुंबई नगर निगम (एनएमएमसी) ने स्कूलों, सार्वजनिक स्थानों और समुदायों में एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया, जिसने हजारों लोगों को मच्छर जनित रोगों, खासकर मलेरिया और डेंगू से बचाव के तरीकों के बारे में शिक्षित किया। इस अभियान ने न केवल बच्चों और युवाओं को जोड़ा, बल्कि पूरे समाज को एकजुट कर मलेरिया के खिलाफ लड़ाई को नई दिशा दी। आइए, इस प्रेरणादायक पहल की कहानी को करीब से जानते हैं।

एक थीम जो प्रेरित करती है

इस साल विश्व मलेरिया दिवस 2025 की थीम थी “मलेरिया का अंत हमारे साथ: पुनर्निवेश, पुनर्कल्पना, पुनर्जनन” (Malaria Ends With Us: Reinvest, Reimagine, Reignite)। इस थीम ने नवी मुंबई के अभियान को एक स्पष्ट लक्ष्य दिया—लोगों को यह समझाना कि मलेरिया जैसी बीमारी को खत्म करना हम सबकी जिम्मेदारी है। एनएमएमसी ने इस थीम को अपनाते हुए स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें 4,740 छात्रों और सैकड़ों नागरिकों ने हिस्सा लिया। यह अभियान न केवल जागरूकता फैलाने तक सीमित रहा, बल्कि लोगों को व्यावहारिक तरीके सिखाए, जिनसे वे अपने घरों और आसपास के इलाकों को मच्छरों से मुक्त रख सकें।

स्कूलों में नई पीढ़ी को जागरूक करना

नवी मुंबई के 26 स्कूलों में कक्षा 7 से 10 तक के छात्रों को इस अभियान का हिस्सा बनाया गया। इन बच्चों को मच्छरों के लार्वा और उनके प्रजनन स्थलों के बारे में विस्तार से बताया गया। विशेषज्ञों ने उन्हें दिखाया कि एनोफिलीज और एडीज मच्छर, जो मलेरिया और डेंगू फैलाते हैं, कैसे साफ और स्थिर पानी में प्रजनन करते हैं। छात्रों को यह भी सिखाया गया कि वे अपने घरों में पानी जमा होने वाली जगहों, जैसे गमलों, टायरों या खुले टैंकों को कैसे पहचानें और उन्हें कैसे साफ करें। इन व्यावहारिक प्रदर्शनों ने बच्चों में न केवल जिज्ञासा जगाई, बल्कि उन्हें अपने परिवार और पड़ोस में बदलाव लाने के लिए प्रेरित भी किया।

सड़कों पर उतरा उत्साह: रैलियां और नुक्कड़ नाटक

अभियान का एक और रोमांचक हिस्सा था सुबह की रैलियां, जो करवे, शिरवणे और घनसोली इलाकों में आयोजित की गईं। सुबह 7:30 से 9:00 बजे के बीच, 370 छात्रों ने नारे लगाते हुए और तख्तियां लेकर सड़कों पर जागरूकता फैलाई। इन रैलियों ने न केवल स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि मच्छर जनित रोगों के प्रति एक सामुदायिक भावना को भी जागृत किया। इसके अलावा, नेरुल, वाशी और ऐरोली के सार्वजनिक अस्पतालों में नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया गया। ये नाटक उन लोगों के लिए थे जो अस्पतालों में इलाज के लिए आए थे। इन नाटकों ने सरल भाषा और मनोरंजक तरीके से मलेरिया और डेंगू से बचाव के उपायों को समझाया।

खास बात यह रही कि डॉ. डी. वाई. पाटिल नर्सिंग कॉलेज के छात्रों ने नेरुल के रयान इंटरनेशनल स्कूल में एक विशेष प्रदर्शन किया। इस नाटक में उन्होंने छोटे बच्चों को इंटरैक्टिव तरीके से मच्छरों से बचने के तरीके सिखाए। इस तरह के प्रयासों ने नई पीढ़ी को न केवल शिक्षित किया, बल्कि उन्हें इस लड़ाई का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित भी किया।

सिडको प्रदर्शनी केंद्र में विशेष शिविर

विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर, 25 से 27 अप्रैल तक सिडको प्रदर्शनी केंद्र में एक विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर महाराष्ट्र स्टेट रेडियोलॉजिस्ट्स एसोसिएशन के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के साथ मिलकर आयोजित हुआ। इस शिविर में मच्छर जनित बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने लोगों को बताया कि कैसे छोटे-छोटे कदम, जैसे पानी के टैंकों को ढकना और आसपास के कचरे को हटाना, मच्छरों के प्रजनन को रोक सकता है। इस शिविर ने न केवल स्थानीय लोगों को आकर्षित किया, बल्कि स्वास्थ्य पेशेवरों को भी इस मुहिम में शामिल होने का मौका दिया।

एनएमएमसी आयुक्त की अपील

नवी मुंबई नगर निगम के आयुक्त डॉ. कैलास शिंदे ने इस अभियान के दौरान लोगों से सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने बताया कि मच्छर साफ और स्थिर पानी में प्रजनन करते हैं, जो अक्सर घरों में आसानी से मिल जाता है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे पानी के भंडारण वाले कंटेनरों को ढकें, छतों और आसपास से स्थिर पानी हटाएं, और कचरे को नियमित रूप से साफ करें। डॉ. शिंदे ने जोर देकर कहा कि मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। उनकी यह अपील नवी मुंबई के नागरिकों के लिए एक प्रेरणा बनी, जो अब इस जंग में एक साथ खड़े हैं।

मच्छर जनित रोगों का प्रभाव

मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होती है और एनोफिलीज मच्छरों के काटने से फैलती है। यह बीमारी बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द जैसे लक्षणों के साथ शुरू होती है, और अगर समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकती है। नवी मुंबई जैसे शहरी क्षेत्रों में, जहां आबादी घनी है और पानी की टंकियां आम हैं, मच्छरों के प्रजनन को रोकना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन एनएमएमसी का यह अभियान दिखाता है कि सही जानकारी और सामुदायिक सहयोग से इस समस्या से निपटा जा सकता है।

युवाओं की भूमिका और भविष्य की उम्मीद

इस अभियान की सबसे खास बात थी युवाओं की भागीदारी। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे और कॉलेज के छात्र न केवल इस मुहिम का हिस्सा बने, बल्कि उन्होंने अपने परिवारों और पड़ोसियों को भी जागरूक किया। ये युवा नवी मुंबई के भविष्य हैं, और उनकी सक्रियता यह दर्शाती है कि मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों को हराना असंभव नहीं है। विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) और मच्छर जनित रोग (Mosquito-Borne Diseases) जैसे विषयों पर यह अभियान नई पीढ़ी को एकजुट करने में सफल रहा।

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