भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 74 वर्षीय धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों को अपने इस्तीफे की वजह बताया है। हालांकि उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य की प्राथमिकता और चिकित्सकीय सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं।” उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के सहयोग के लिए आभार भी जताया।
हालिया घटनाक्रम और स्वास्थ्य समस्याएं
हाल ही में, 25 जून को उत्तराखंड के कुमाऊं यूनिवर्सिटी के गोल्डन जुबली समारोह में शामिल होने के बाद धनखड़ की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उन्हें नैनीताल राजभवन ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनका चेकअप किया। इस दौरान सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें तुरंत मेडिकल सहायता दी गई। इससे पहले, 9 मार्च 2025 को भी सीने में दर्द के कारण उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां से 12 मार्च को डिस्चार्ज किया गया।
10 जुलाई को दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में धनखड़ ने अपने रिटायरमेंट का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, “मैं सही समय पर अगस्त 2027 में भगवान की कृपा रही तो सेवानिवृत्त हो जाऊंगा।” हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने तय समय से पहले इस्तीफा दे दिया।
उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल
जगदीप धनखड़ ने 6 अगस्त 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उन्हें 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182 वोट मिले। बतौर उपराष्ट्रपति, वे राज्यसभा के पदेन सभापति भी थे। उनके इस्तीफे के बाद अब राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह अनुच्छेद 91 के तहत एक्टिंग चेयरमैन का कार्यभार संभालेंगे, जब तक नए उपराष्ट्रपति की नियुक्ति नहीं हो जाती।
जयपुर दौरा था प्रस्तावित
उपराष्ट्रपति धनखड़ का 23 जुलाई को जयपुर दौरा प्रस्तावित था। वे रामबाग पैलेस में कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (राजस्थान) की नवनिर्वाचित समिति के सदस्यों से संवाद कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे।
धनखड़ से पहले कार्यकाल पूरा न करने वाले उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड़ तीसरे उपराष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। उनसे पहले कृष्ण कांत ने 21 अगस्त 1997 को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, लेकिन 27 जुलाई 2002 को कार्यकाल के दौरान उनका निधन हो गया। इसके अलावा, वी.वी. गिरी ने 1969 में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था, ताकि वे राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ सकें।
राज्यसभा की कार्यवाही पर प्रभाव
भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं और सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं। धनखड़ के इस्तीफे के बाद, नए उपराष्ट्रपति की नियुक्ति तक राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह कार्यवाहक सभापति के रूप में कार्यभार संभालेंगे। ये व्यवस्था संविधान के अनुच्छेद 91 के तहत लागू होगी।
जगदीप धनखड़ का जीवन परिचय
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक साधारण किसान परिवार में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई, फिर सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में पढ़ाई की। उनका चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी के लिए हुआ था, लेकिन उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और फिर एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने जयपुर में वकालत शुरू की।