राज्यसभा ने गुरुवार को महिला आरक्षण विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सर्वसम्मति से जनता में विश्वास पैदा होगा. संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, या नारी शक्ति वंदन अधिनियम, और इसके छह खंड उच्च सदन में उपस्थित सभी 214 सदस्यों के पक्ष में मतदान के साथ पारित हो गए हैं. विधेयक पारित होने के बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा,
एक ऐतिहासिक उपलब्धि. सदस्यों ने मेजें थपथपाकर विधेयक के पारित होने की घोषणा का स्वागत किया.
लोकसभा ने इस विधेयक को एक दिन पहले बुधवार को पारित कर दिया था. गुरुवार को राज्यसभा ने भी सर्वसम्मति से विधेयक को पारित कर दिया है. कविता और दोहों के साथ चर्चा में कुल 72 वक्ताओं ने भाग लिया. बहस का संचालन महिलाओं की एक श्रृंखला द्वारा किया गया जो बारी-बारी से अध्यक्ष के रूप में उपस्थित हुईं. विपक्ष द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों में विधेयक लाने में देरी और 33% आरक्षण के भीतर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं के लिए अलग आरक्षण की कमी शामिल है. ट्रेजरी बेंच ने महिलाओं के समर्थन के लिए मोदी शासन द्वारा उठाए गए उपायों के साथ इन तर्कों का प्रतिवाद किया. विधेयक पारित होने के बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया.