इससे पहले सुबह मोदी के नेतृत्व में पिछली बार की आखिरी मंत्रिमंडल बैठक हुई। इसमें विजय के लिए ईश्वर का आभार व्यक्त किया गया। साथ ही 17वीं लोकसभा को भंग करने की सिफारिश भी की गई। राजनीतिक परिपाटियों को निभाते हुए, मोदी राष्ट्रपति भवन पहुंचे और अपना इस्तीफा सौंप दिया।
अब अगले कदम की योजना पर विचार किया जा रहा है। अनुमान है कि 8 जून को मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इसके लिए पहले से ही एनडीए गठबंधन के सभी सांसदों की एकमुश्त सहमति हासिल की जा रही है। जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी के मुताबिक, 7 जून को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में गठबंधन के सभी सांसदों की बैठक बुलाई गई है।
हालांकि भाजपा को 240 सीटें मिलीं, जो बहुमत के आंकड़े से कम है, लेकिन गठबंधन में शामिल होकर 292 सीटों के साथ वह स्पष्ट बहुमत में आ गई है। इस बार गठबंधन में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी 15 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश कुमार की जदयू 12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभरी हैं। दोनों ही पार्टियां भाजपा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, क्योंकि उनके बिना मोदी सरकार का गठन संभव नहीं होगा।
इस तरह चुनावी जीत के बाद सत्ता संभालने की प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है। लेकिन यह भी साफ है कि इस बार गठबंधन के सहयोगी दलों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। एकता और सामंजस्य बनाए रखना मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। क्या वे इसमें कामयाब होंगे, देखना दिलचस्प होगा।