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मणिपुर में CM के काफिले पर हमला, 2 सुरक्षाकर्मी घायल, काफिले में नहीं थे मुख्यमंत्री

मणिपुर
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मणिपुर के जिरिबाम में सीएम एन. बीरेन सिंह के सुरक्षा दस्ते पर उग्रवादियों ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि सीएम का ये सुरक्षा दस्ता हिंसा प्रभावित जिरिबाम में सीएम की सभा से पहले तैयारियों का जायजा लेने के लिए जा रहा था। जैसे ही ये सुरक्षा दस्ता कोटलेन पहुंचा तो उग्रवादियों ने उनपर हमला करने की शुरुआत कर दी, उग्रवादियों की ओर से की गई गोलीबारी में ड्राइवर सहित दो सुरक्षाकर्मी बुरी तरह से घायल गो गए। जानकारी हो कि जब सुरक्षा दस्ते पर हमला हुआ तो उस वक्त सीएम एन. बीरेन काफिले में नहीं थे।

सीएम एन. बीरेन ने इस हमले को काफी निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि, ये हमला राज्य के लोगों पर हमला है। ये बहुत ही ज्यादा दुर्भाग्य की बात है। राज्य के सीएम पर किया गए हमले का मतलब है राज्य की जनता पर हमला। ऐसे में राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। मैं अपने सभी साथियों से सलाह लेने के बाद कोई फैसला लूंगा।

6 जून को बुजुर्ग की हत्या के बाद भड़की थी जिरिबाम में हिंसा
जानकारी हो कि 6 जून की शाम को मणिपुर के जिरिबाम जिले में मैतेई बुजुर्ग की हत्या कर दी गई थी, उसी के विरोध में इलाके में हिंसा भड़की। मृतक की पहचान सोइबाम सरतकुमार सिंह, उम्र 59 साल के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि गुरुवार की सुबह को वो अपने खेत पर जाने के लिए निकले थे, लेकिन बाद में उनकी डेड बॉडी मिली थी। बॉडी को देखने पर ऐसा लग रहा था, जैसे किसी ने उनपर धारदार हथियार से हमला किया हो।

इसी घटना के बाद गुस्से से आग बबूला गांव वालों ने पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन किया और मांग की, कि चुनाव से पहले उनसे लिए गए लाइसेंसी हथियार उन्हें वापस किए जाए। फिलहाल जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

इस हिंसा की वजह से 200 से ज्यादा मैतेई लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर भेजा जा चुका है। कई गांव वाले ऐसे हैं जो जिरि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रह रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उग्रवादियों ने जिरी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रहने वाले लोगों के घरों को जला दिया था। घरों में आग लगाने के पीछे और मैतई बुजुर्ग की हत्या के पीछे कुकी उग्रवादियों का नाम आ रहा है।

गौरतलब है कि 3 मई 2023 से मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी और घाटी में रहने वाले मैतेई के बीच जातीय संघर्ष में अब तक करीब 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग ऐसे हैं जो बेघर हो चुके हैं।

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