दोस्तों, ये बात तो आप अब तक जान ही गए होंगे कि भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को 18वीं लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker) नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति मुर्मु के द्वारा उनकी नियुक्ति की गई है। बता दें कि भर्तृहरि महताब ओडिशा के कटक से सांसद हैं और उस सीट से वो एक या दो बार नहीं, बल्कि पूरे सात बार चुनाव जीत चुके हैं।
किसे बनाया जाता है प्रोटेम स्पीकर?
प्रोटेम स्पीकर की नीयुक्ति लोकसभा के गठन होने के बाद और लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव से पहले की जाती है। संसदीय परंपरा के मुताबिक इसके लिए जो सबसे वरिष्ठ लोकसभा सदस्य होते हैं, उन्हें प्रायोरिटी दी जाती है। इस पद पर किसी भी पक्ष या विपक्ष के सदस्य को नियुक्त किया जा सकता है। इसके बाद जिस पार्टी की सरकार होती है, यानी कि सत्ता पक्ष के द्वारा प्रोटेम स्पीकर का नाम संसदीय मामलों में मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति को भेजा जाता है। और फिर राष्ट्रपति के द्वारा प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाती है।
क्या करते हैं प्रोटेम स्पीकर?
लोकसभा के लिए चुने गए जितने भी सदस्य होते हैं, वो प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker) की अध्यक्षता में ही शपथ ग्रहण करते हैं। जब सभी सदस्यों का शपथग्रहण हो जाता है, तो उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होता है। प्रोटेम स्पीकर ही लोकसभा के पहली बैठक की अध्यक्षता करते हैं।
कहां से हुई प्रोटेम शब्द की उत्पति
लैटिन भाषा का शब्द है प्रो टैम्पर, और इसी का संक्षिप्त रूप है प्रोटेम, जिसका मतलब होता है ‘कुछ समय के लिए’। प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker) तब तक के लिए हीं काम करते हैं, जब तक कि नए लोकसभा अध्यक्ष को नियुक्त नहीं कर लिया जाता है, यानी कि कुछ समय के लिए ही प्रोटेम स्पीकर को नियुक्त किया जाता है। जहां तक नए प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महाताब की बात है, तो 24 जून से 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत होने जा रही है, तो इस दौरान नए सांसदों को भर्तिहरि महाताब ही शपथ दिलवाएंगे। इसके बाद 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा, तब तक प्रेटेम स्पीकर का कार्यकाल रहेगा।
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