एसआईटी रिपोर्ट: हाथरस में हुए सत्संग हादसे पर एसआईटी ने अपनी 850 पन्नों की रिपोर्ट गृह विभाग को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में 128 लोगों के बयान शामिल हैं और इसमें बाबा भोले का नाम नहीं है। रिपोर्ट में हादसे के लिए आयोजकों और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया है।
हादसे की जानकारी
कुछ दिनों पहले हाथरस में बाबा साकार हरि यानी भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई थी। यह हादसा तब हुआ जब भक्त बाबा के चरण रज के लिए एकत्र हुए थे। अचानक भगदड़ मचने से लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और 123 लोगों की जान चली गई। घटनास्थल पर महिलाओं की लाशों का ढेर लग गया था। हादसे में कई अन्य लोग घायल हो गए, जिन्हें तुरंत उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।
एसआईटी की रिपोर्ट
एसआईटी की रिपोर्ट में हादसे के लिए आयोजक और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि:
- आयोजकों ने लापरवाही बरती और आयोजन की अनुमति के लिए तथ्य छुपाए।
- स्थानीय प्रशासन ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया। एसडीएम, सीओ, तहसीलदार समेत छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
- आयोजकों ने तय मानकों का पालन नहीं किया।
- आयोजन स्थल पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेरिकेटिंग नहीं की गई।
- आयोजकों ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया।
- एसडीएम ने बिना आयोजन स्थल का मुआयना किए अनुमति दी।
हादसे के बाद की स्थिति
उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है। अब तक इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन बाबा भोले का नाम एफआईआर में नहीं है। इस मुद्दे पर विपक्षी दल बीजेपी पर हमलावर हैं।
मुख्यमंत्री और राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ितों के परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह हादसा बेहद दुखद है और हम दोषियों को बख्शेंगे नहीं।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पीड़ितों से मुलाकात की और मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की। राहुल गांधी ने कहा, “इस हादसे से प्रभावित लोगों की मदद करना हमारी जिम्मेदारी है और हम इसे निभाएंगे।”
हादसे की जांच और अन्य जानकारी
हादसे के बाद सरकार ने इस मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। एसआईटी ने चश्मदीदों और साक्ष्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें आयोजकों की लापरवाही और प्रशासन की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।
आगे की कार्रवाई
इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीनियर अफसरों के साथ चर्चा करेंगे और आगे की कार्रवाई का फैसला करेंगे। आगरा की एडीजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ की डिविजनल कमिश्नर चैत्रा वी ने यह रिपोर्ट तैयार की है। समझा जा रहा है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
इस हादसे के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने दुख और आक्रोश को व्यक्त किया है। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “इस तरह की लापरवाही के लिए आयोजकों और प्रशासन को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।” वहीं, दूसरे उपयोगकर्ता ने कहा, “भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना है कि ऐसी घटना फिर कभी न हो।”
हादसे का असर
यह हादसा न केवल हाथरस, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी त्रासदी है। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था और आयोजकों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हादसा एक चेतावनी है कि इस तरह के बड़े आयोजनों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
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