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300 करोड़ का हिसाब दो! बाढ़ राहत राशि में घोटाले का शक, सरकार का सख्त निर्देश

बाढ़ राहत राशि, बिहार

बाढ़ राहत राशि:  में बाढ़ के दौरान राहत और बचाव कार्यों के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी, लेकिन अब इस राशि का हिसाब नहीं मिल रहा है। इस मामले में जल संसाधन विभाग के 10 इंजीनियरों पर आरोप है कि उन्होंने यह राशि दबा रखी है।

सरकार का अल्टीमेटम

नीतीश सरकार ने इन इंजीनियरों को चेतावनी दी है कि वे जल्द से जल्द इस राशि का हिसाब दें। अगर ये इंजीनियर समय पर हिसाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इनमें से 6 सहायक अभियंता और 4 कनीय अभियंता शामिल हैं।

रोकड़-बही का मिलान नहीं

रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ प्रबंधन के लिए यह राशि अग्रिम में ली गई थी, लेकिन रोकड़-बही में इसका मिलान नहीं हो पा रहा है। सबसे बड़ा मामला कनीय अभियंता सकलदेव सिंह का है, जिनके पास 142 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं है।

अभियंताओं को निर्देश

कार्यपालक अभियंता ने इन सभी इंजीनियरों को आदेश दिया है कि वे बिना किसी देरी के बची हुई राशि जमा कराएं। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सरकारी नियम और मिलान

नियम के अनुसार, इंजीनियरों को कार्य से संबंधित रोकड़-बही का मिलान करना होता है और बकाया राशि संबंधित कोषागार, बैंक खाता या ऑफिस में जमा करानी होती है। लेकिन अभी तक इन इंजीनियरों ने यह मिलान नहीं किया है।

देरी और कार्रवाई की आशंका

अगर इंजीनियर समय पर राशि जमा नहीं कराते हैं, तो उन्हें बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर राशि का हिसाब नहीं मिलता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस प्रकार, बिहार सरकार ने बाढ़ राहत राशि का हिसाब देने के लिए इंजीनियरों को अल्टीमेटम दिया है और अगर वे समय पर ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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