नई टैक्स रिजीम: आज हम बात करेंगे एक ऐसे विषय पर जो हर नौकरीपेशा व्यक्ति और व्यापारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है – टैक्स भरना। हर साल, लाखों लोग अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे कई लोग मुश्किल और उलझन भरा मानते हैं। लेकिन इस साल कुछ अलग हो रहा है। सरकार ने टैक्स भरने का एक नया तरीका पेश किया है, जिसे ‘नई टैक्स रिजीम’ कहा जा रहा है। और आश्चर्यजनक रूप से, बहुत से लोगों ने इस नए तरीके को अपनाया है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के प्रमुख रवि अग्रवाल ने हाल ही में एक बड़ी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस साल 66% लोगों ने, यानी हर 100 में से 66 लोगों ने, अपना टैक्स रिटर्न भरने के लिए इस नए तरीके को चुना है। यह एक बड़ा बदलाव है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इतने सारे लोगों ने इस नए तरीके को क्यों चुना?
इस सवाल का जवाब समझने के लिए, हमें पहले यह जानना होगा कि यह नया तरीका है क्या। नई टैक्स रिजीम में, सरकार ने टैक्स की दरों को कम किया है। यानी, अब आप अपनी कमाई पर पहले से कम टैक्स दे सकते हैं। लेकिन इसके बदले में, कुछ छूट और कटौतियां हटा दी गई हैं जो पुराने तरीके में मिलती थीं। सरकार का कहना है कि यह नया तरीका ज्यादा सरल है और इससे लोगों को अपना टैक्स आसानी से समझने और भरने में मदद मिलेगी।
अब आते हैं आंकड़ों पर। रवि अग्रवाल ने बताया कि अब तक 4 करोड़ लोगों ने अपना टैक्स रिटर्न भर दिया है। यह एक बड़ी संख्या है। पिछले साल, इतने लोगों ने 25 जुलाई तक अपना रिटर्न भरा था। लेकिन इस साल, यह आंकड़ा 22 जुलाई की रात तक ही पार हो गया। यह दिखाता है कि लोग इस साल जल्दी और ज्यादा संख्या में अपना टैक्स रिटर्न भर रहे हैं।
सरकार ने टैक्स भरने की प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। अब, जब आप अपना रिटर्न भरते हैं, तो बहुत सी जानकारियां अपने आप भर जाती हैं। यह इसलिए संभव है क्योंकि सरकार के पास पहले से ही आपकी कमाई और खर्चों के बारे में जानकारी होती है। यह सुविधा लोगों को बहुत राहत दे रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के बजट में कुछ और अच्छी खबरें दीं। उन्होंने नई टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ा दिया। पहले यह 50,000 रुपये था, अब यह 75,000 रुपये हो गया है। यह क्या है? स्टैंडर्ड डिडक्शन एक ऐसी राशि है जो आपकी कुल कमाई से घटा दी जाती है, और फिर बची हुई राशि पर टैक्स लगता है। इसका मतलब है कि अब आप 25,000 रुपये अधिक पर टैक्स नहीं देंगे।
लेकिन क्या सभी लोगों के लिए यह नया तरीका फायदेमंद है? जरूरी नहीं। कुछ लोगों के लिए पुराना तरीका अभी भी बेहतर हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितना कमाते हैं, आपके खर्चे कैसे हैं, और आप किन-किन छूटों का लाभ उठा रहे हैं। इसलिए, अपने लिए कौन सा तरीका सही है, यह तय करने से पहले अच्छी तरह सोच-समझ लेना चाहिए।
फिर भी, इतने सारे लोगों का नए तरीके को चुनना यह दिखाता है कि कई लोगों को यह फायदेमंद लग रहा है। शायद इसकी सरलता लोगों को आकर्षित कर रही है। या फिर, कम टैक्स दरें लोगों को अच्छी लग रही हैं। जो भी हो, यह स्पष्ट है कि टैक्स भरने के तरीके में एक बड़ा बदलाव आ रहा है।
सरकार का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य टैक्स भरने की प्रक्रिया को आसान बनाना है। वे मानते हैं कि अगर प्रक्रिया आसान होगी, तो ज्यादा लोग सही तरीके से और समय पर अपना टैक्स भरेंगे। यह सोच सही दिखाई दे रही है, क्योंकि इस साल पहले से ही ज्यादा लोगों ने अपना रिटर्न भर दिया है।
लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि टैक्स भरना सिर्फ एक नियम की पालना नहीं है। यह हमारे देश के विकास में योगदान देने का एक तरीका है। जब हम टैक्स भरते हैं, तो वह पैसा सड़कें बनाने, स्कूल चलाने, अस्पताल बनाने और कई अन्य जरूरी कामों में इस्तेमाल होता है। इसलिए, चाहे पुराना तरीका हो या नया, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम ईमानदारी से और समय पर अपना टैक्स भरें।
आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या और ज्यादा लोग इस नए तरीके को अपनाएंगे। क्या सरकार इसमें और सुधार करेगी? क्या पुराना तरीका धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा? ये सब सवाल अभी अनुत्तरित हैं। लेकिन एक बात तय है – टैक्स भरने का तरीका बदल रहा है, और यह बदलाव बड़ा और महत्वपूर्ण है।
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