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क्या SEBI की चेयरपर्सन ने तोड़े नियम? माधवी पुरी बुच पर कंसल्टेंसी फर्म से रेवेन्यू लेने के गंभीर आरोप

क्या SEBI की चेयरपर्सन ने तोड़े नियम? माधवी पुरी बुच पर कंसल्टेंसी फर्म से रेवेन्यू लेने के गंभीर आरोप

SEBI की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर आरोप है कि उन्होंने अपने 7 साल के कार्यकाल के दौरान एक कंसल्टेंसी फर्म से रेवेन्यू हासिल किया, जो रेगुलेटरी अधिकारियों के लिए नियमों का उल्लंघन हो सकता है। इस पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने बुच पर ‘हितों के टकराव’ का भी आरोप लगाया है। बुच ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे ‘चरित्र हनन’ की कोशिश बताया है।


नियमों का उल्लंघन: SEBI चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के खिलाफ गंभीर आरोप

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर एक गंभीर आरोप सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने अपने 7 साल के कार्यकाल के दौरान एक कंसल्टेंसी फर्म से रेवेन्यू हासिल किया, जो रेगुलेटरी अधिकारियों के लिए नियमों का उल्लंघन माना जा सकता है। यह जानकारी एक न्यूज एजेंसी को मिले दस्तावेजों से सामने आई है, जिसने पूरे मामले को उजागर किया है।

हितों के टकराव का आरोप: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट

हिंडनबर्ग रिसर्च, जो कि एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर है, ने अपनी ताजा रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप से जुड़ी बुच की जांच में ‘हितों के टकराव’ का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बुच के पिछले निवेश और कंसल्टेंसी फर्मों के संचालन को लेकर सवाल उठाए गए हैं। खासकर सिंगापुर की अगोरा पार्टनर्स (Agora Partners) और भारत की अगोरा एडवाइजरी (Agora Advisory) फर्मों का जिक्र किया गया है, जिनका संचालन बुच और उनके पति द्वारा किया जाता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि माधवी बुच ने मार्च 2022 में अपने सभी शेयर अपने पति को ट्रांसफर कर दिए थे, लेकिन इसके बावजूद भारतीय कंसल्टिंग फर्म में उनकी हिस्सेदारी बरकरार है।

बुच का बयान: आरोपों से साफ इनकार

बुच ने इन आरोपों को खारिज करते हुए 11 अगस्त को जारी अपने बयान में इसे ‘चरित्र हनन’ की कोशिश बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कंसल्टेंसी फर्मों ने सेबी को यह जानकारी दी थी कि उनके पति धवल बुच 2019 में यूनिलीवर से रिटायर होने के बाद कंसल्टिंग बिजनेस कर रहे थे। सेबी और बुच दोनों ने इस मामले पर आगे किसी भी जानकारी देने से मना कर दिया है।

हालांकि, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से मिले दस्तावेजों के अनुसार, 2017 में सेबी में शामिल होने के बाद से अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड ने 3.71 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया है। इस कंपनी में बुच की 99 पर्सेंट हिस्सेदारी है, जो संभवतः 2008 की सेबी की पॉलिसी का उल्लंघन करती है। इस पॉलिसी के तहत अधिकारियों को लाभ का पद ग्रहण करने और अन्य प्रोफेशनल गतिविधियों से सैलरी या प्रोफेशनल फीस हासिल करने पर रोक लगाई गई है।

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