हाल के एक शोध में खुलासा हुआ है कि एक साधारण ब्लड टेस्ट के जरिए महिलाओं में 30 साल तक के हृदय रोग के जोखिम का पता लगाया जा सकता है। यह टेस्ट भविष्य में हृदय रोगों से बचाव और उपचार के नए तरीके खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
नया ब्लड टेस्ट और उसकी क्षमता
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के एक शोध में यह पाया गया कि रक्त में दो प्रकार के फैट और सूजन के एक मार्कर, सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) के मापन से दशकों बाद भी महिलाओं में हृदय रोग के जोखिम का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। बोस्टन के ब्रिघम एंड विमेंस हॉस्पिटल के सेंटर फॉर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज प्रिवेंशन के डायरेक्टर, पॉल एम. रिडकर ने कहा, “हम उस चीज का इलाज नहीं कर सकते जिसे हम माप नहीं सकते। हमें उम्मीद है कि ये निष्कर्ष हृदय रोग का पता लगाने और उसे रोकने के पहले के तरीकों की पहचान करने के और करीब ले जाएंगे।”
अध्ययन और परिणाम
इस शोध के लिए 1992 से 1995 के बीच 55 साल की औसत उम्र की 27,939 महिलाओं के खून के नमूने और मेडिकल जानकारी जुटाई गई। इन महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति पर अगले 30 साल तक नजर रखी गई, जिसमें 3,662 प्रतिभागियों में दिल का दौरा, स्ट्रोक, या हृदय संबंधी अन्य घटनाएं दर्ज की गईं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं के खून में CRP, LDL कोलेस्ट्रॉल और लिपोप्रोटीन (a) का स्तर सबसे अधिक था, उनमें स्ट्रोक का खतरा 1.5 गुना और कोरोनरी हृदय रोग का खतरा 3 गुना अधिक था। इसके विपरीत, जिन महिलाओं का स्तर सबसे कम था, उनमें यह खतरा नगण्य पाया गया।
पुरुषों में भी मिल सकते हैं समान परिणाम
हालांकि इस शोध में केवल महिलाओं को शामिल किया गया था, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि पुरुषों में भी इसी तरह के परिणाम मिल सकते हैं। नेशनल हार्ट, लंग, और ब्लड इंस्टीट्यूट (NHLBI) के प्रोग्राम डायरेक्टर अहमद ए.के. हसन ने बताया, “हाल के वर्षों में, हमने यह अधिक जान लिया है कि सूजन के बढ़े हुए स्तर कैसे लिपिड्स के साथ क्रिया करके हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इससे यह समझने में मदद मिलती है कि निम्न स्तर हमेशा बेहतर क्यों होते हैं।”
हृदय रोग से बचाव के तरीके
शोधकर्ताओं ने हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि, दिल के लिए स्वस्थ खाना, स्ट्रेस मैनेजमेंट, तंबाकू से बचाव, और धूम्रपान छोड़ने की सलाह दी है।
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