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सेंसर बोर्ड की कैंची और सिख समुदाय का विरोध: क्या रिलीज हो पाएगी ‘इमरजेंसी’?

सेंसर बोर्ड की कैंची और सिख समुदाय का विरोध: क्या रिलीज हो पाएगी 'इमरजेंसी'?
कंगना की ‘इमरजेंसी’: बॉलीवुड की फायरब्रांड अभिनेत्री कंगना रनौत की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘इमरजेंसी’ इन दिनों चर्चा में है, लेकिन फिल्म की रिलीज की वजह से नहीं, बल्कि उसके विवादों की वजह से। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला और क्यों फिल्म की रिलीज में हो रही है देरी।

सेंसर बोर्ड की कैंची: क्या-क्या बदलना पड़ा?

सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने ‘इमरजेंसी’ को ‘UA’ सर्टिफिकेट देने के लिए कुछ शर्तें रखी थीं। बोर्ड ने फिल्म में कुल 10 बदलाव सुझाए थे, जिनमें से 9 को प्रोड्यूसर्स ने मान लिया। इन बदलावों में कुछ दृश्यों को हटाना या बदलना शामिल था।

एक सीन में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा बांग्लादेशी शरणार्थियों पर हमला दिखाया गया था। इसमें एक सैनिक एक बच्चे का सिर कुचल रहा था और तीन महिलाओं का सिर काटा जा रहा था। सेंसर बोर्ड ने इन दृश्यों को हटाने या बदलने को कहा।

इसके अलावा, फिल्म में कुछ गालियां भी थीं, जिन्हें बदलने को कहा गया। एक परिवार का सरनेम भी बदलने की बात कही गई।

इतिहास की जांच-पड़ताल

सेंसर बोर्ड ने फिल्म में इस्तेमाल किए गए कुछ ऐतिहासिक कथनों के स्रोत मांगे। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन का भारतीय महिलाओं के बारे में एक विवादित बयान और विंस्टन चर्चिल का भारतीयों के बारे में कहा गया एक वाक्य शामिल था।

बोर्ड ने फिल्म में इस्तेमाल किए गए सभी आंकड़ों और तथ्यों के स्रोत भी मांगे। इनमें बांग्लादेशी शरणार्थियों की संख्या, कोर्ट के फैसलों के विवरण और ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के पुराने फुटेज के इस्तेमाल की अनुमति शामिल थी।

सिख समुदाय का विरोध

फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही विवाद शुरू हो गया। ट्रेलर में जरनैल सिंह भिंडरावाले को दिखाया गया था, जो खालिस्तान आंदोलन के नेता थे। उन्हें इंदिरा गांधी की पार्टी के लिए वोट लाने के बदले में अलग सिख राज्य की मांग करते दिखाया गया था।

इस पर कई सिख संगठनों ने आपत्ति जताई। अकाल तख्त और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जैसे संगठनों ने फिल्म पर बैन की मांग की। उनका कहना था कि फिल्म में सिखों को गलत तरीके से दिखाया गया है।

रिलीज में देरी: क्या है वजह?

फिल्म की रिलीज में देरी की वजह सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट न मिलना है। कंगना ने खुद इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वे अभी भी सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट का इंतजार कर रहे हैं।

दरअसल, प्रोड्यूसर्स ने 14 अगस्त को सेंसर बोर्ड के सुझावों का जवाब दिया था। लेकिन बोर्ड की एग्जामिनिंग कमेटी ने अभी तक इस जवाब पर विचार नहीं किया है। इसलिए फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है।

अब मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में है। कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को 18 सितंबर तक फैसला लेने को कहा है।

‘इमरजेंसी’ के बारे में

‘इमरजेंसी’ कंगना रनौत की पहली डायरेक्टोरियल फिल्म है। इसमें वे खुद इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं। फिल्म की कहानी भी कंगना ने ही लिखी है। इसमें अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, महिमा चौधरी और दिवंगत सतीश कौशिक भी अहम भूमिकाओं में हैं।

फिल्म 1975 में लगाई गई इमरजेंसी पर आधारित है। यह भारत के इतिहास का एक विवादास्पद दौर था, जिसमें नागरिक अधिकारों पर कई पाबंदियां लगाई गई थीं।

क्या होगा आगे?

अब सबकी नजरें 18 सितंबर पर टिकी हैं। सेंसर बोर्ड उस दिन तक फिल्म के बारे में अपना फैसला सुनाएगा। अगर फिल्म को मंजूरी मिल जाती है, तो जल्द ही इसकी नई रिलीज डेट का ऐलान हो सकता है। लेकिन अगर विवाद बढ़ता है, तो फिल्म की राह में और मुश्किलें आ सकती हैं।

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