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उज्जैन के फुटपाथ पर दिन-दहाड़े रेप: क्या हमारा समाज इतना बेरहम हो गया?

उज्जैन के फुटपाथ पर दिन-दहाड़े रेप: क्या हमारा समाज इतना बेरहम हो गया?
उज्जैन रेप केस: क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि भरी दोपहर में, लोगों से भरे एक फुटपाथ पर कोई अपराध कर रहा हो और लोग बस देखते रहें? ऐसा ही कुछ हुआ मध्य प्रदेश के उज्जैन में, जहाँ एक महिला के साथ रेप किया गया और कुछ लोग इसका वीडियो बनाते रहे। यह घटना न सिर्फ हैरान करने वाली है, बल्कि हमारे समाज पर कई सवाल भी खड़े करती है।

घटना की कहानी: क्या हुआ उस दिन?

उज्जैन रेप केस की कहानी बुधवार की है। शहर के सबसे व्यस्त चौराहों में से एक, कोयला फाटक पर यह घटना हुई। पुलिस के मुताबिक, एक महिला के साथ फुटपाथ पर ही रेप किया गया। इस दौरान कई लोग वहाँ से गुजरे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। इतना ही नहीं, एक व्यक्ति ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया।

पुलिस ने बताया कि पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोपी का नाम लोकेश बताया। उसने कहा कि लोकेश ने उसे शादी का झांसा देकर शराब पिलाई और फिर उसके साथ रेप किया। FIR दर्ज होने के दो घंटे के अंदर ही पुलिस ने लोकेश को गिरफ्तार कर लिया।

वीडियो बनाने वाला भी गिरफ्तार

उज्जैन के पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि जिस व्यक्ति ने इस घटना का वीडियो बनाया, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा, “आरोपी का नाम मोहम्मद सलीम है और वह 42 साल का है। वह ऑटो रिक्शा चलाता है। उसके खिलाफ पहले भी अपराध दर्ज हैं।”

सलीम पर कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इनमें पीड़िता की पहचान उजागर करना, निजी पल की तस्वीर खींचना, अश्लील सामग्री का प्रसार करना और IT एक्ट के तहत अपराध शामिल हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया: CM ने क्या कहा?

इस घटना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कड़ी कार्रवाई का वादा किया है। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश में कानून का राज है। जो भी अपराध करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” CM ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है, लेकिन कोलकाता में हुए रेप-मर्डर केस पर चुप है।

यादव ने कहा, “जो लोग राजनीति कर रहे हैं, उन्हें अपने मामलों पर ध्यान देना चाहिए। अगर वे अपने राज्यों की देखभाल करें तो समझ में आएगा। वे कोलकाता की घटना (एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या) पर मुंह नहीं खोलते।”

समाज पर सवाल: क्यों कोई नहीं आया बचाने?

उज्जैन रेप केस ने समाज की संवेदनशीलता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या हम इतने बेरहम हो गए हैं कि किसी के साथ अपराध होता देख सकते हैं, लेकिन मदद नहीं कर सकते? क्या वीडियो बनाना ज्यादा जरूरी हो गया है बजाय किसी की मदद करने के?

इस घटना ने यह भी दिखाया है कि महिलाओं की सुरक्षा अभी भी एक बड़ी चुनौती है। भीड़-भाड़ वाली जगह पर भी ऐसी घटना हो सकती है, यह बताता है कि सिर्फ कानून बनाना काफी नहीं है। समाज की सोच में भी बदलाव लाना होगा।

आगे का रास्ता: क्या करना चाहिए?

उज्जैन रेप केस से कई सबक लिए जा सकते हैं। सबसे पहले, लोगों को जागरूक होना होगा। अगर कोई मुसीबत में है तो मदद करना हमारा फर्ज है। दूसरा, कानून को और मजबूत करना होगा ताकि अपराधी जल्द से जल्द पकड़े जा सकें।

तीसरा, स्कूलों और कॉलेजों में लड़कों और लड़कियों को समानता और सम्मान के बारे में सिखाना होगा। चौथा, मीडिया को भी जिम्मेदारी से काम करना होगा। सनसनीखेज खबरें बनाने की बजाय, समाज को जागरूक करने पर ध्यान देना चाहिए।

अंत में, यह घटना हमें याद दिलाती है कि सुरक्षित समाज बनाना सिर्फ सरकार या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है। हर नागरिक को इसमें अपना योगदान देना होगा। क्या आप क्या सोचते हैं? कैसे रोका जा सकता है ऐसे अपराधों को? अपने विचार हमारे साथ शेयर करें।

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