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GST डेटा के आधार पर GDP का आकलन जल्द शुरू! जानिए क्या हैं इसके फायदे

GST डेटा के आधार पर GDP का आकलन जल्द शुरू! जानिए क्या हैं इसके फायदे

भारत सरकार जल्द ही GST (वस्तु एवं सेवा कर) के मासिक डेटा का उपयोग करके GDP (सकल घरेलू उत्पाद) की गणना में सुधार करने जा रही है। इस पहल से GDP आकलन में पारदर्शिता और सटीकता लाने की उम्मीद की जा रही है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो इस नई प्रक्रिया को लागू करने के लिए तरीकों और तकनीकों पर विचार करेगी।

GST डेटा से GDP आकलन का महत्व:

वर्तमान में GDP के आकलन के लिए कंपनी मामलों के मंत्रालय से प्राप्त डेटा का उपयोग किया जाता है, लेकिन इसमें कई समस्याएं हैं। अब जीएसटी डेटा के इस्तेमाल से लेनदेन के वॉल्यूम और आउटपुट के मूल्य का बेहतर अनुमान लगाया जा सकेगा। जीएसटी डेटा तिमाही रिपोर्टों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और सटीक माना जा रहा है, क्योंकि अधिकांश कंपनियाँ अपने तिमाही नतीजे समय पर नहीं जारी करती हैं। GST डेटा के आधार पर GDP आकलन एक स्वागतयोग्य कदम है, जो अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति को बेहतर ढंग से दर्शा सकता है।

विशेषज्ञों का दृष्टिकोण:

इस पहल का समर्थन करते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के पूर्व कार्यवाहक चेयरमैन पी सी मोहानन ने कहा कि मासिक GST डेटा की मदद से GDP आकलन करना एक सकारात्मक कदम है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हिमांशु ने भी इसे एक बेहतर विकल्प माना है, जो वर्तमान में कंपनियों की बैलेंस शीट डेटा के इस्तेमाल से अधिक सटीक होगा।

मौजूदा प्रणाली में कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसमें डेटा की कमी और विश्वसनीयता को लेकर कई चिंताएं हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि मासिक GST डेटा का उपयोग कंपनियों और व्यक्तिगत आय की जानकारी जुटाने में अधिक सटीक साबित हो सकता है।

जीएसटी डेटा पर आधारित नई प्रक्रिया:

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने 2024 में राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी के आधार वर्ष में बदलाव की प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत जीएसटी डेटा का इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई है। एक विशेषज्ञ समिति, जिसकी अध्यक्षता अर्थशास्त्री विश्वनाथ गोलदार कर रहे हैं, इस प्रक्रिया पर काम कर रही है और इसे 2026 तक पूरा किया जाएगा।

समिति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जीडीपी के आकलन में नई तकनीकों और डेटा स्रोतों का इस्तेमाल किया जाए। जीएसटी डेटा को गोपनीय रखते हुए इसे GDP आकलन में शामिल किया जाएगा। वर्तमान में जीएसटी नेटवर्क, गोपनीयता के कारण, मंत्रालय के साथ डेटा साझा करने में इच्छुक नहीं था, लेकिन इस नई प्रणाली से यह समस्या हल हो सकती है।

GST डेटा आधारित GDP आकलन एक नई और सटीक पहल है, जो भारत की अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति को दर्शाने में मदद करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भविष्य में अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं को बेहतर ढंग से समझने में सहायक होगा और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

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