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Love Jihad: जज की सख्त टिप्पणी, लव जिहाद सिर्फ अपराध नहीं, भारत में सत्ता स्थापित करने की साजिश!

Love Jihad: जज की सख्त टिप्पणी, लव जिहाद सिर्फ अपराध नहीं, भारत में सत्ता स्थापित करने की साजिश!
Love Jihad: उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘लव जिहाद’ के एक मामले में अदालत ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले पर अडिशनल सेशन जज रवि कुमार दिवाकर की टिप्पणियों ने समाज और कानून व्यवस्था में एक नई बहस छेड़ दी है। जज ने लव जिहाद को एक सुनियोजित साजिश करार दिया, जिसमें विदेशी फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के आरोप शामिल हैं।

लव जिहाद की घटना और आरोप

बरेली के इस चर्चित मामले में आरोपी मोहम्मद आलिम ने पीड़िता को अपना नाम बदलकर आनंद बताया और हिंदू रीति-रिवाजों से शादी की। लव जिहाद (Love Jihad) के इस मामले में, शादी के बाद पीड़िता के साथ यौन शोषण हुआ, और धमकियों के चलते उसका बार-बार रेप किया गया। इस केस में, अदालत ने साफ किया कि यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत अपराध तक सीमित नहीं है बल्कि इसके पीछे एक सुनियोजित साजिश (well-planned conspiracy) हो सकती है।

जज रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि लव जिहाद (Love Jihad) के पीछे गहरी साजिश हो सकती है, जहां मुस्लिम पुरुष प्लानिंग के साथ हिंदू महिलाओं को टारगेट कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं का मुख्य उद्देश्य देश की डेमोग्राफिक संरचना को बदलने और सत्ता स्थापित करने का है। यह शायद पहली बार है जब किसी अदालत ने इस स्तर पर लव जिहाद के मुद्दे पर ऐसी स्पष्ट टिप्पणियां की हैं।


अंतरराष्ट्रीय साजिश और विदेशी फंडिंग का आरोप

अदालत ने इस मामले में विदेशी फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय साजिश का आरोप भी गंभीरता से लिया है। जज ने कहा कि लव जिहाद (Love Jihad) के मामले में बहुत धन की आवश्यकता होती है, और इसे विदेशी फंडिंग से इनकार नहीं किया जा सकता। इस साजिश का मुख्य उद्देश्य भारत की सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक विविधता को प्रभावित करना है। जज ने कहा कि यह एक डेमोग्रेफिक वार है, जिसमें एक विशेष धर्म के अराजक तत्व (anarchic elements) शामिल हैं, और इन तत्वों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की एकता को कमजोर करने का प्रयास हो रहा है।

यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के आरोप सामने आए हैं, लेकिन इस मामले में अदालत की स्पष्टता और कठोरता से न केवल आरोपी को दोषी ठहराया गया है, बल्कि एक बड़ी साजिश का भी संकेत दिया गया है। अदालत ने कहा कि अगर इस प्रकार की घटनाओं को रोका नहीं गया, तो भविष्य में देश की अखंडता और संप्रभुता के लिए गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।


कानूनी पहलू और धर्मांतरण पर सख्त कानून

उत्तर प्रदेश धर्मांतरण रोधी कानून, 2021 के तहत, अदालत ने साफ किया कि जबरन धर्मांतरण किसी भी हालात में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जज ने कहा कि यह कानून धर्मांतरण के मामलों में सख्त कार्रवाई का समर्थन करता है और ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जानी चाहिए। जज ने यह भी कहा कि यदि धर्मांतरण के लिए धोखा, लालच, या ज़बरदस्ती का सहारा लिया जाता है, तो यह कानून का उल्लंघन है और इसमें सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

लव जिहाद (Love Jihad) पर अदालत की यह सख्त टिप्पणी देश के भविष्य के लिए एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है। जज ने यह भी कहा कि अगर समय रहते इस तरह के अपराधों पर काबू नहीं पाया गया, तो इसके परिणामस्वरूप देश को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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