क्या है फहाद अहमद का बयान? एनसीपी-एसपी नेता और अभिनेत्री स्वरा भास्कर के पति, फहाद अहमद, इन दिनों अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक उपयोगकर्ता को जवाब देते हुए बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “बैलट चुनाव” (ballot elections) के जरिए जीतते हैं, तो वह अगले 20 साल तक चुनाव नहीं लड़ेंगे।
यह बयान एक तीखी बहस के बीच आया, जहां फहाद ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की पारदर्शिता पर सवाल उठाए। उनकी टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों और सोशल मीडिया पर एक नई बहस को जन्म दिया है।
ईवीएम सत्यापन की मांग
हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अनुषक्ति नगर से चुनाव हारने के बाद, फहाद अहमद ने चुनाव आयोग से दो बूथों के ईवीएम सत्यापन की मांग की। उन्होंने एक तस्वीर साझा करते हुए बताया कि सत्यापन प्रक्रिया का शुल्क 47,200 रुपये प्रति बूथ है। उन्होंने कहा कि इतने महंगे शुल्क के कारण वह 13 बूथों का सत्यापन नहीं करवा सके। उनका यह कदम चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर करता है।
फहाद ने अपने पोस्ट में लिखा, “चुनावी प्रणाली में लोगों के विश्वास को सुरक्षित रखने के लिए मैंने दो सीयू/बीयू/वीवीपैट बूथ का सत्यापन करने का अनुरोध किया है।”
सोशल मीडिया पर बहस और चुनौती
फहाद के पोस्ट के जवाब में, एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता, केदार ने उनकी मदद करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि वह सभी 13 बूथों का शुल्क देने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी। अगर ईवीएम में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो यह राशि एक उपहार मानी जाएगी। यदि गड़बड़ी नहीं पाई गई, तो फहाद को 25 लाख रुपये अतिरिक्त लौटाने होंगे।
केदार ने लिखा, “अगर कोई गड़बड़ी मिलती है तो इसे उपहार मानो, नहीं तो 25 लाख के साथ लौटाना होगा।” इस पेशकश ने विवाद को और बढ़ा दिया।
फहाद अहमद का तीखा जवाब
इस चुनौती का जवाब देते हुए फहाद ने लिखा, “आप अपने पापा नरेंद्र मोदी जी को बोलो बैलट से चुनाव करा लें। अगर वह जीतते हैं, तो मैं 20 साल तक चुनाव नहीं लड़ूंगा। और रही बात पैसे की, तो हम देश को तोड़ने वालों का पैसा इस्तेमाल नहीं करते हैं।”
यह जवाब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और समर्थकों व विरोधियों के बीच नई बहस छेड़ दी।
चुनावी हार और भविष्य
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में, फहाद अहमद एनसीपी (शरद पवार गुट) के उम्मीदवार के तौर पर अनुषक्ति नगर सीट से खड़े हुए थे। लेकिन उन्हें अजित पवार गुट की उम्मीदवार सना मलिक से 3,378 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले, फहाद समाजवादी पार्टी के एक युवा नेता के रूप में सक्रिय थे, लेकिन चुनाव से पहले उन्होंने एनसीपी का दामन थाम लिया था।
राजनीति और विवाद का गठजोड़
फहाद अहमद के बयान उनकी राजनीतिक शैली को दर्शाते हैं। उनकी टिप्पणियां अक्सर सामाजिक मुद्दों को केंद्र में रखती हैं। ईवीएम पारदर्शिता की उनकी मांग और “बैलट चुनाव” (ballot elections) पर उनका जोर, भारतीय लोकतंत्र में एक अहम बहस का हिस्सा बन चुका है।
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