Jharkhand Cabinet Expansion: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 ने राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व को एक बार फिर से मजबूत कर दिया। इस चुनाव का आयोजन दो चरणों में किया गया था। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को संपन्न हुआ। चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए गए, जिसमें इंडिया अलायंस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 81 में से 56 सीटों पर जीत हासिल की। एनडीए गठबंधन केवल 24 सीटों तक सीमित रह गया। भारी बहुमत के साथ, हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। गौरतलब है कि ये उनका चौथा कार्यकाल है।
राज्यपाल दिलाएंगे मंत्रियों को शपथ
झारखंड सरकार में कैबिनेट विस्तार की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 5 दिसंबर को दोपहर 12:30 बजे झारखंड राजभवन में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। हेमंत कैबिनेट में 10-11 मंत्रियों को शामिल किए जाने की संभावना है। कैबिनेट गठन में सीटों के फॉर्मूले के तहत झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) से 5, कांग्रेस से 4 और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से 1 मंत्री को शामिल किया जा सकता है।
हेमंत कैबिनेट में कई प्रमुख नाम शामिल हो सकते हैं। झामुमो की ओर से रामदास सोरेन, अनंत प्रताप देव, दीपक बिरुआ, सविता महतो और हफीजुल हसन जैसे नेताओं को मंत्री पद मिलने की संभावना है। रामदास सोरेन जमशेदपुर के घाटशिला से दूसरी बार चुने गए हैं और झारखंड के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। पहली बार विधायक बने अनंत प्रताप देव को भी मंत्री पद दिया जा सकता है। झामुमो के अन्य प्रभावशाली नेताओं में चार बार विधायक रहे दीपक बिरुआ, महिला प्रतिनिधित्व के लिए सविता महतो, और अल्पसंख्यक समुदाय से हफीजुल हसन का नाम चर्चा में है।
कांग्रेस के ये नेता बन सकते हैं मंत्री
कांग्रेस की ओर से इरफान अंसारी और दीपिका पांडे सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद है। इरफान अंसारी जामताड़ा से विधायक हैं और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी माने जाते हैं। वहीं, महिला प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए दीपिका पांडे सिंह को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। अन्य संभावित नामों में शिल्पी नेहा टिर्की, राधा कृष्ण किशोर, डॉ. रामेश्वर उरांव और नमन विक्सल कोंगाड़ी शामिल हैं।
कैबिनेट विस्तार के बाद पहली बैठक 9 से 12 दिसंबर के बीच आयोजित की जाएगी, जिसमें नई योजनाओं और राज्य के विकास के एजेंडे पर चर्चा होगी। इस चुनाव ने न केवल हेमंत सोरेन की नेतृत्व क्षमता को फिर से साबित किया है, बल्कि इंडिया अलायंस की ताकत को भी उजागर किया है। अब सभी की निगाहें नई सरकार के कार्यों और फैसलों पर हैं, जो राज्य के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।